दोस्तों अस्सलाम वालेकुम रहमतुल्लाह बरकातहू दोस्तों आज हम आपको एक बदचलन औरत का वाक्या बताएंगे दोस्तों बनी इसराइल में एक पहाड़ था जिसे वहां के लोग बहुत अजमत वाला मानते थे.लोगो में ऐसी रिवायत थी कि अगर बातचीत करते वक्त किसी चीज पर कसम खानी पड़े तो उस पहाड़ पर चढ़कर वह कसम खाते हैं.

लोग उन्हें सच्चा समझ लेते उस शहर में एक बहुत खूबसूरत औरत थी जिसका एक नौजवान से नाजायज ताल्लुक हो गया औरत ने उस नौजवान को अपने मकान में बुलाना शुरू कर दिया शौहर को सुबह पैदा हो गया उसने अपनी बीवी से कहा कि मुझे सुबह है कि मेरी गैर हाजरी में तुझसे कोई मिलने आता है.

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तो बीवी ने इस बात से इंकार कर दिया उसके बाद शौहर ने कहा कि अगर तू सच्ची है तू उस पहाड़ पर चढ़कर कसम खा ले कि तेरा किसी नौजवान से नाजायज ताल्लुक नहीं है.औरत ने कहा जी हां मैं कल पहाड़ पर चढ़कर कसम खा लूंगी उसने अपने आप अपने आशिक से मिलकर यह कह दिया कि कल तुम उस पहाड़ के नीचे गधा लेकर खड़े रहना कल मैं और मेरा शौहर पहाड़ पर चढ़ने आएंगे और मैं अपने शौहर से कहूंगी कि मैं पहाड़ पर चढ़ते हुए थक जाओगे.

इसलिए मैं तुम्हारा गधा किराए पर लूंगी तुम गधे वाले के भेष में वहां पर खड़े रहना और जब मैं वहां आउंगी तो तुम मुझे गधे पर सवार कर के साथ साथ चलना दूसरे रोज जब मियां बीवी घर से पहाड़ पर चढ़ने के लिए निकले तो वहां जब पहुंचे तो देखा कि वहां उसका आशिक गधा लेकर खड़ा है. औरत ने कहा कि चलते चलते मैं थक गई हूं मुझे यह गधा किराए पर सवारी के लिए चाहिए तो शौहर ने गधे वाले से किराया तय किया और बीवी को गधे पर सवार करके पहाड़ पर चढ़ने लगे.

जब वह जगह है जहां लोग कसमें खाते थे तो उस मक्कार औरत ने अपने आप को गधे से नीचे गिरा दिया और इस गिरने में अपनी राने वगैरह सतर्क को नं’गा कर दिया ऐसी सूरत पैदा कर दिखाये की शौहर ने यही समझा कि गधे से इतनी इत्तेफाकन गिर गई और अपने कपड़े हटाते हुए झट से उठी और पहाड़ पर कसम खाने वाली जगह पर खड़ी होकर यह कहने लगी.

उसने कहा,मैं कसम खाती हूं कि मेरे नंगे बदन को आज तक तुम्हारे सिवा और इस गधे वाले के सिवा किसी ने नहीं देखा शौहर मुत्मइन हो गया क्योंकि उसने यह सोचा कि उस गधे वाले ने उसका बदन इत्तेफाक से देखा तो दोस्तों आपने देखा जब औरत मक्कारी और फरेब पर आ जाए तो शौहर को इसी तरह धोखा दे देती है ऐसे ही चालाकियां दिखाती है और शौहर धोखे में आ जाता है लेकिन दोस्तों को भूल जाती हैं कि आज यह गुनाह छुपा लेंगे लेकिन कल क्या अल्लाह से छुपा पायेगी।।

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