इस सारी कायनात को बनाने वाले एक रब है। और उस के सौ नाम है। एक उसका ज़ाती नाम है जो “अल्लाह” है। जबकि 100 उसके सिफ़ती नाम हैं। यानी वह नाम जिससे उसकी किसी खूबी का पता चले जैसे रहीम यानी रहम करने वाला, करीम यानी करम करने वाला। अल्लाह के नाम का एहतराम करना हर इंसान पर फर्ज़ है। यही वजह है कि उसका ज़ाती नाम “अल्लाह” उसका कोई बंदा यानी इंसान नहीं रख सकता है। उलमाओं का कहना है कि बंदो को उसका सिफ़ती नाम भी नहीं रखना चाहिए । हाँ उसके नाम से पहले अब्दुल लगाकर उसका नाम रखा जा सकता है। जैसे अब्दुल्लाह। अब्दुल का मतलब होता है गुलाम। यानी अब्दुल्लाह का मतलब होगा अल्लाह का गुलाम। अल्लाह के सिफ़ती नाम यह हैं।

1 अल रहमान, 2. अल रहीम, 3. अल मलिक,4. अल कुद्दूस 5,. अस सलाम, 6.अल मोमिन, 7.अल मुहयमिन , 8. अल अज़ीज़, 9. अल जब्बार 10.अल मुतकब्बिर 11. अल ख़ालिक 12. अल बारी, 13. अल मुसव्विर 14.अल ग़फ़्फार 15.अल क़ह्हार, 16.अव वहाब 17. अल रज़्जाक़ 18. अल फत्ताह 19. अल अलीम 20. अल काबिज़ 21.अल बासित 22.अल खाफ़िज़ ,23. अल रफ़ी 24. अल मुइज़ 25. अल मुज़िल 26. अस समी 27. अल बसीर 28. अल हकम 29. अल अद्ल 30) अल लतीफ, 31)अल ख़बीर 32) अल हलीम 33) अल अज़ीम 34) अल ग़फूर 35) अश शकूर 36) अल अली,37) अल कबीर 38) अल हफ़ीज़ 39) अल मुक़ीत 40) अल हसीब 41) अल जलील 42) अल करीम 43) अर रक़ीब 44) अल मुजीब 45) अल वासीअ 46) अल हकीम 47) अल वदूद 48) अल मजीद 49) अल बदीअ

50) अल बाइस 51) अश शहीद 52) अल.हक़ 53) अव वकील.54) अव क़वी 55) अल मतीन 56) अल वली 57) ,अल हमीद 58) अल बाक़ी 59) अल मुहसी 60) अल मुबदी 61) अल मुईद 62) अल मुहयी 63) अल मुमीत 64) अल हय्यू 65) अल क़य्यूम 66) अल वाजिद 67) अल माजिद 68) अल वाहिद 69) अल अहद 70) अस समद 71) अल क़ादिर 72) अल मुकतदिर 73) अल मुक़द्दिम 74) अल मुअख़्खिर 75) अल अव्वल 76) अल आखिर 77) अज़ ज़ाहिर 78) अल बातिन 79) अल वाली 80) अल मुतआली 81) अल बर्र 82) अत तव्वाब 83) अल मुंतकिम 84) अल अफुव्व 85)अर रऊफ 86) मालिकुल मुल्क 87) अर रशीद 88)ज़ुलजिलाल वल इकराम 89) अल वारिस 90 ) अल मुकसित 91)अल जामिउ 92) अल ग़नी 93) अल मुग़नी 94) अल मुअती 95) अल मानिउ 96)अज़ ज़ार्र 97) अन नाफिउ 98) अल नूर 99) अल हादी 100) अस सबूर

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