न्यूयॉर्क: डेमोक्रेटिक उम्मीदवार ज़ोहरान ममदानी ने न्यूयॉर्क मेयर चुनाव में ऐतिहासिक जीत हासिल की है। 34 वर्षीय ममदानी पिछले एक सदी में शहर के सबसे युवा, पहले मुस्लिम और दक्षिण एशियाई मूल के मेयर बने हैं। उनकी जीत तय होते ही समर्थकों ने ज़ोरदार जश्न मनाया और सड़कों पर “ज़ोहरान, ज़ोहरान” के नारे गूंज उठे।

मेयर पद के लिए मुख्य मुक़ाबला ज़ोहरान ममदानी और एंड्रयू कुओमो के बीच था। डेमोक्रेट प्राइमरी में हारने के बाद कुओमो ने स्वतंत्र उम्मीदवार के रूप में चुनाव लड़ा, जबकि रिपब्लिकन पार्टी की ओर से कर्टिस स्लिवा उम्मीदवार थे। स्लिवा ने हार स्वीकार करते हुए ममदानी को शुभकामनाएं दीं और कहा, “वह अच्छा करेंगे, तो हम सब अच्छा करेंगे।”

जीत के बाद अपने समर्थकों को संबोधित करते हुए ममदानी ने कहा, “मेरे दोस्तों, हमने एक राजनीतिक वंशवाद को उखाड़ फेंका है। मतदाताओं ने बदलाव के लिए जनमत दिया है — ताकि इस शहर में जीवनयापन संभव हो सके।” उन्होंने अपने माता-पिता मीरा नायर और महमूद ममदानी का शुक्रिया अदा करते हुए कहा कि “मैं आज जो हूं, वह आप दोनों की वजह से हूं।” अपनी पत्नी रमा दुवाजी के प्रति भावुक होते हुए उन्होंने कहा, “हर पल मैं सिर्फ़ तुम्हें अपने साथ चाहता हूं।”

ज़ोहरान ममदानी का जन्म 1991 में युगांडा की राजधानी कंपाला में हुआ था। उनके पिता प्रसिद्ध विद्वान और कोलंबिया विश्वविद्यालय के प्रोफेसर महमूद ममदानी हैं, जबकि माँ जानी-मानी भारतीय-अमेरिकी फ़िल्म निर्देशक मीरा नायर हैं। बचपन दक्षिण अफ्रीका और न्यूयॉर्क में बिताने के बाद उन्होंने ब्रॉन्क्स हाई स्कूल ऑफ़ साइंस और बोडन कॉलेज से पढ़ाई की। 2018 में वह अमेरिकी नागरिक बने।

राजनीति में आने से पहले ममदानी सामाजिक कार्यकर्ता के रूप में क्वींस में कम आय वाले परिवारों के लिए ‘फ़ोरक्लोज़र काउंसलर’ के रूप में काम करते थे। 2020 में उन्होंने न्यूयॉर्क असेंबली चुनाव जीता और राज्य विधानसभा में पहले दक्षिण एशियाई और पहले सोशलिस्ट प्रतिनिधि बने।

ममदानी अपने स्पष्ट विचारों के लिए भी जाने जाते हैं। उन्होंने इसराइल की नीतियों और अमेरिकी विदेश नीति पर खुलकर आलोचना की है, जिससे डेमोक्रेटिक पार्टी के भीतर भी मतभेद सामने आए। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर दिए गए एक बयान को लेकर भारतीय-अमेरिकी समुदाय के कुछ हिस्सों ने विरोध भी जताया था।

प्रचार अभियान के दौरान ममदानी को नस्ली और धार्मिक हमलों का सामना करना पड़ा। कुछ रिपब्लिकन सांसदों ने उनकी नागरिकता तक रद्द करने की मांग की। इसके जवाब में ममदानी ने कहा, “मेरी जीत इस बात का सबूत है कि एक मुसलमान होना किसी दूसरे धर्म के व्यक्ति होने जैसा ही सामान्य है।”

ज़ोहरान ममदानी ने अपने भाषण में फ्री बस सेवा, यूनिवर्सल चाइल्डकेयर और महंगाई नियंत्रण जैसे वादों को पूरा करने का आश्वासन दिया। उन्होंने कहा, “आज रात हमने इतिहास लिखा है। जैसा कि नेल्सन मंडेला ने कहा था — जब तक यह पूरा नहीं हो जाता, यह हमेशा असंभव लगता है। मेरे दोस्तों, हमने इसे कर दिखाया।”