ऑस्ट्रेलिया और पापुआ न्यू गिनी के बीच “पुकपुक ट्रीटी” पर हस्ताक्षर, रक्षा सहयोग में बड़ा कदम

ऑस्ट्रेलिया और पापुआ न्यू गिनी (PNG) ने सोमवार को एक ऐतिहासिक रक्षा संधि पर हस्ताक्षर किए, जिसे “पुकपुक ट्रीटी” नाम…
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ऑस्ट्रेलिया और पापुआ न्यू गिनी (PNG) ने सोमवार को एक ऐतिहासिक रक्षा संधि पर हस्ताक्षर किए, जिसे “पुकपुक ट्रीटी” नाम दिया गया है। इस समझौते के ज़रिए दोनों पड़ोसी देशों ने अपने सैन्य सहयोग को मज़बूत करने और रक्षा संसाधनों की साझेदारी को औपचारिक रूप देने की दिशा में अहम कदम बढ़ाया है।

कैनबरा में आयोजित एक संयुक्त प्रेस कॉन्फ्रेंस में ऑस्ट्रेलियाई प्रधानमंत्री एंथनी अल्बनीज़ और पापुआ न्यू गिनी के प्रधानमंत्री जेम्स मरापे ने इस संधि पर हस्ताक्षर किए। मरापे ने कहा कि यह समझौता “भूगोल, इतिहास और साझा पड़ोस की वास्तविकता” पर आधारित है। उन्होंने स्पष्ट किया कि यह समझौता किसी भू-राजनीतिक प्रतिस्पर्धा या दबाव का परिणाम नहीं है, बल्कि दोनों देशों की आपसी सुरक्षा ज़रूरतों को ध्यान में रखकर तैयार किया गया है।

प्रधानमंत्री अल्बनीज़ ने बताया कि यह संधि दोनों देशों के बीच “इंटरऑपरेबिलिटी” यानी सैन्य सहयोग की पारस्परिक क्षमता को मज़बूत करेगी। रिपोर्ट्स के अनुसार, यह समझौता ऑस्ट्रेलिया और पापुआ न्यू गिनी को उन अधिकारों के समान स्तर पर लाएगा जो ऑस्ट्रेलिया को अपने “फ़ाइव आइज़” (Five Eyes) सुरक्षा गठबंधन के सदस्यों — अमेरिका, ब्रिटेन, कनाडा और न्यूज़ीलैंड — के साथ प्राप्त हैं।

मरापे के दफ़्तर ने बताया कि इस समझौते के तहत 10,000 पापुआ न्यू गिनी नागरिकों को ऑस्ट्रेलियाई रक्षा बल में सेवा देने का अवसर मिलेगा। साथ ही, PNG अपनी सेना को 7,000 सैनिकों तक बढ़ाने की योजना बना रहा है।

हाल ही में पापुआ न्यू गिनी ने ऑस्ट्रेलिया से स्वतंत्रता के 50 वर्ष पूरे किए हैं। यह संधि दोनों देशों के बीच सहयोग के एक नए युग की शुरुआत मानी जा रही है, खासकर ऐसे समय में जब प्रशांत क्षेत्र में सामरिक संतुलन और जलवायु परिवर्तन जैसे मुद्दे अंतरराष्ट्रीय राजनीति के केंद्र में हैं।

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