गुनाह जिसकी सज़ा दुनिया में मिल जाती है: अस्सलाम वालेकुम मेरे प्यारे भाइयों और बहनों जब कोई इंसान गुनाह करता है तो उसे बरसात में दुनिया में और आख़िरत में उसका सामना करना पड़ता है।अल्लाह चाहे तो अभी बंदे को माफ कर सकता है लेकिन यह जरूरी नहीं है कि वह सब को माफ ही कर दे।अल्लाह चाहे तो सजा दे और चाहे तो माफ कर दे जब कोई इंसान गुनाह करता है और उसके बाद अपने गुनाहों से तौबा कर लेता है तो अल्लाह बेशक उसे माफ कर देता है लेकिन अगर इंसान अपने गुनाहों पर डटा रहता है तो अल्लाह बेशक इसे सजा देता है।
वह सजा दुनिया में भी मिलती है कब्र में भी मिलती है और आखिरत में भी मिलती है।और कुछ गुनाह तो ऐसे हैं जिनकी सजा दुनिया में ही मिलती है जिनमें से 1 गुनाह है मां बाप की नाफरमानी।जो इंसान अपने मां बाप की नाफरमानी करता हो आप उस इंसान पर निशान लगा दीजिए,आखिरत में तो उसे ज़िल्लत और परेशानी उठानी ही पड़ेगी लेकिन दुनिया में वह इंसान बहुत परेशान रहेगा। हमारे प्यारे नबी ने फरमाया है कि कब्र या तो जन्नत में से एक बाग है या तो जहन्नुम में से एक आग है।
गुनाह जिसकी सज़ा दुनिया में मिल जाती है: हुजूर ने फरिश्तों से पूछा कि यह बताओ जहन्नम का सबसे कम आजाब क्या है तब फरिश्तों ने बताया कि जहन्नम की सबसे छोटी सजा यह है कि उसे आज के जूते पहनाए जाएंगे।बाकी उसका पूरा बदन सलामत रहेगा बस उसके पैरों में आग के जूते पहनाए जाएंगे।तब आप ने पूछा कि उन जूतों की कैफियत क्या होगी तो जवाब आया कि इतनी शिद्दत इतनी गर्मी और इतनी हरारत होगी कि दिमाग पिघल कर नाक और कान से बाहर आ जाएगा.
यह उस आदमी का अज़ाब है जिसको सिर्फ आग के जूते पहनाए जाएंगे और पूरा बदन महफूज होगा।यह सबसे छोटी सजा है जो हमने भी अब आप सोचिए कि जिसका पूरा बदन आग में जलाया,जाएगा उसकी कैफियत क्या होगी।जो इंसान अपनी आंखों का पर्दा नहीं करता है और दूसरों को बेशर्मी की निगाह से देखता है उसकी आंखों को जहन्नम की आग में जलाया जाएगा अब आप सोचिए जिसके पैरों को जलाने का अंजाम नहीं था उसकी आंखों को जलाने का अंजाम क्या होगा.