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09-05-2025 Vol 19

जब एक औरत ने पूछा-क्या मुहब्बत में जिना जायज़ है ? इस पर हज़रत अली ने फरमाया

Kya Muhabbat Mein Zina Jayaz Hai ~ दोस्तों आजकल आप ने देखा होगा, लड़का और लड़की के बीच प्यार और मोहब्बत के कई वाकिये देखे और सुने होंगे,पश्चिमी सभ्यता का नौजवानों पर ऐसा हुआ है कि वो सारी हदे पार कर देते है.आज हम इस बारे में ही आपको बताने जा रहे है.दोस्तों क्या आप ने ये सोचा है कि प्यार के नाम पर आजकल जो चल रहा है वो इस्लाम में जायज़ है या नही.अगर आप इस बारे में मुक़म्मल जानकारी नही रखते है तो हम आप को यहाँ पर एक वाकिया बताने जा रहे है जोकि इस प्रकार है.

एक बार एक नौजवान लड़की हजरत अली रजी अल्लाह ताला अन्हु के पास आई और उसने कहाकि मेरे पास एक ऐसा सवाल है जो मैं पूछने में हिचकिचा रही है.इस पर हजरत अली रजी अल्लाह ताला अन्हु ने फ़रमाया कि आप का जो भी सवाल है वो पूछो.इसके बाद लड़की ने कहाकि उसे एक शख्स है जो उससे प्यार करता है और वो भी उसे पसंद करती है लेकिन वो शख्स मेरे जिस्म को छूने की कोशिश करता है.क्या मैं उस शख्स को छूने की इजाजत दे सकती है?

इस पर हजरत अली ने फ़रमाया,नही आप किसी शख्स को इस बात की इज़ाज़त बिलकुल नही दे सकती है,इस्लाम में शादी को बहुत ही आसान बनाया गया है आप दोनों लोग शादी कर सकते है.बिना शादी के मियां बीबी जैसे रिलेशन करना हराम है.

हजरत अली ने फ़रमाया,मोहब्बत का मतलब इज्जत है और वो शख्स अगर आप को मोहब्बत करता है तो उसे जमाने के सामने रिश्ते को इज़हार करना चाहिए जिसका जरिया निकाह है.अगर वो शख्स जमाने के सामने इस रिश्ते को नाम नही दे सकता है तो ये हराम है ये नाजायज़ है.

हजरत अली के जवाब से ये बात समझना आसान है कि मोहब्बत के नाम पर जिना किसी भी सुरत में जायज़ नही है.दोस्तों बता दे कि इस्लाम में जिना को गुनाह ऐ कबीरा बताया गया है यानि ये सबसे बड़े गुनाहों में से एक है.इसलिए ऐसे गुनाह से लोगो को हर हाल में बचना चाहिए और किसी से मोहब्बत है तो उसे निकाह करना चाहिए. ~ Kya Muhabbat Mein Zina Jayaz Hai

News Desk