इजराइल और हमास के बीच फ़िलहाल यु’द्ध-विराम हो गया है और अब तक ये यु’द्ध-विराम अच्छी तरह से शान्ति के साथ ही चल रहा है. हमास के साथ यु’द्ध-विराम के साथ ही इजराइल की अंदरूनी सियासत के मामले फिर से सामने आने शुरू हो गए हैं. इजराइल में 2 साल में चार आम चुनाव हो चुके हैं लेकिन कोई भी दल बहुमत के नज़दीक तक नहीं पहुँच सका है. यही वजह है कि देश में एक अलग तरह का राजनीतिक संकट बना हुआ है.
देश की जनता भी लगातार चुनाव होने से परेशान है और चाहती है कि किसी तरह कोई सरकार बने जो अपना पूरा कार्यकाल करे. इसी बीच ख़बर है कि बेंजामिन नेतान्याहू को सत्ता से बाहर करने के लिए कुछ दल आपस में साथ आने को तैयार हैं. प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतान्याहू के ऊपर भ्रष्टाचार के आरोप हैं और उनके विरोधी मानते हैं कि वह सत्ता से न हटने का कोई न कोई रास्ता ढूंढते रहते हैं.
ख़बर है कि यामिना पार्टी के नेता नफ्ताली बेनेट और आयलेट शेक दोनों ने बुधवार को संकेत दिया कि वे एक ऐसी सरकार बनाने के लिए तैयार हैं जो प्रधान मंत्री बेंजामिन नेतन्याहू प्रधानमंत्री पद से ह’टा देगी. बेनेट ने बुधवार रात को यामिना के संसद सदस्यों से बात करते हुए कहा कि कि उनकी पार्टी को लिकुड और धार्मिक ज़ायोनी पार्टी के आ’तंक का सामना करना पड़ रहा है लेकिन वे झुकने वाले नहीं हैं और वही करेंगे जो इजराइल के लोगों के लिए अच्छा है.
कुछ जानकार ये भी कहते हैं कि नेतान्याहू ने अपने प्रधानमंत्री पद पर बने रहने के उद्देश्य से फ़िलिस्तीनियों पर ज़ोर दिखाया था जिससे कि दक्षिणपंथी नेता उनके साथ आ जाएँ. हालाँकि इस समय दक्षिणपंथी नेता अकेले दम पर सरकार बनाने की स्थिति में ही नहीं हैं.