नई दिल्ली: आल इंडिया मजलिस ए इत्तिहादुल मुस्लिमीन के राष्ट्रीय प्रवक्ता वारिस पठान ने एक निहायत ही वि’वादित बयान दिया है. उन्होंने कर्णाटक के गुलबर्ग में हुई एक रैली के दौरान कहा,”वे कहते हैं कि हमने अपनी महिलाओं को सामने रखा है, अभी तो केवल शेरनियां बाहर आई हैं और आप पसीना-पसीना होने लगे हैं। तब क्या होगा जब हम सभी साथ आ जाएंगे। 15 करोड़ हैं लेकिन सौ पर भी भारी हैं, ये याद रखना।”
उनके इस बयान की चौतरफ़ा निं’दा हो रही है वहीँ पठान का दावा है कि उनके बयान को ग़लत तरह से पेश किया गया. उन्होंने कहा कि जो उन्होंने कहा है वो संविधान के दायरे में रह कर बोला है और वो माफ़ी नहीं माँगेंगे. उनके बयान पर सबसे तीख़ी प्रतिक्रया विपक्षी पार्टियों की तरफ़ से आयी है. कांग्रेस के वरिष्ठ नेता दिग्विजय सिंह ने कहा कि पठान पर कार्यवाई होनी चाहिए.
दिग्विजय सिंह ने ट्वीट करके कहा,”इसी प्रकार के बयान असाउद्दीन ओवेसी सांसद के भाई अकबरउद्दीन ओवेसी विधायक ने दिए थे। वारिस पठान के ख़िला’फ़ सख़्त कार्यवाही होना चाहिये। कॉंग्रेस सदैव कट्ट’रपंथी विचारधा’रा के ख़ि’लाफ़ ल’ड़ी है। भाजपा और AIMIM एक दूसरे के पूरक हैं। दोनों धार्मिक भावना फैला कर नफ़रत पैदा करते हैं।”
पठान के बयान पर बिहार के पूर्व उप-मुख्यमंत्री और राजद नेता तेजस्वी यादव ने भी निंदनीय बताया है. उन्होंने कहा,”हमारी सांझी विरासत और सांझी शहादत की बदौलत हम सांझी लड़ाई लड़ रहे है। भाजपाईयों के लाख चाहने के बावजूद भी ध्रुवीकरण नहीं हो पा रहा तो क’ट्टरपंथी भाजपा ने अब अपने सहयोगी क’ट्टरपंथी लोगों को आगे किया है। संविधानप्रिय व न्यायप्रिय लोग ऐसे ज़हरीले लोगों का बहिष्कार करे।”