मुंबई: महाराष्ट्र में सरकार बनाने की कोशिशों के बीच स्थिति कुछ ऐसी हो गई है जिससे ऐसी संभावनाएं लगने लगी हैं कि भाजपा और शिवसेना का गठबंधन टूट सकता है. चुनाव नतीजों के आने के बाद से ही भाजपा और शिवसेना अपने-अपने लिए मुख्यमंत्री पद मांग रहे हैं. शिवसेना का कहना है कि फ़ॉर्मूला 50-50 का था तो इस हिसाब से मुख्यमंत्री ढाई साल भाजपा का हो और ढाई साल शिवसेना का.
शिवसेना इसके बारे में लिखित में आश्वासन चाहती है जबकि भाजपा का सीधे कहना है कि मुख्यमंत्री पांचो साल उसका होगा. आज इस मामले में दोनों दलों के नेताओं के बीच बयानबाज़ी का दौर चलता रहा. शिवसेना के वरिष्ठ नेता संजय राउत ने अब बयान दिया है कि मुख्यमंत्री देवेन्द्र फडनवीस ने ख़ुद अपने मुँह से 50-50 फ़ॉर्मूला की बात की थी, उद्धव जी ने भी इसको कहा था..ये अमित शाह के सामने हुआ था. उन्होंने कहा,”अब ये कहते हैं कि ऐसी कोई बात हुई नहीं तो मैं प्रणाम करता हूँ ऐसी बातों को. वो कैमरे के सामने कही हुई बात को नकार रहे हैं.”
राउत ने कहा कि भाजपा-शिवसेना के बीच आज 4 बजे बातचीत होनी थी लेकिन अगर मुख्यमंत्री कह रहे हैं कि कोई 50-50 फ़ॉर्मूला डिस्कस नहीं हुआ था तो बात क्या होगी? किस बेसिस पर हम उनसे बात करें. इसलिए उद्धव जी ने मीटिंग कैंसल कर दी. राउत ने साथ ही कहा,”मुझे नहीं पता कि मुख्यमंत्री ने क्या..अगर वो कह रहे हैं कि ’50-50 फ़ॉर्मूला’ कभी डिस्कस नहीं हुआ तो हमें सच की परिभाषा बदलनी पड़ेगी. जो भी डिस्कस हुआ था जिसके बारे में CM बात कर रहे हैं..वो सभी जानते हैं, मीडिया भी थी वहाँ.”
इसके पहले मुख्यमंत्री देवेन्द्र फडनवीस ने कहा कि लोकसभा चुनाव के समय शिवसेना ने प्रपोज़ल दिया था कि रोटेशनल मुख्यमंत्री होना चाहिए लेकिन इस पर कोई भी फ़ैसला मेरे सामने नहीं हुआ था..अगर कोई फ़ैसला अमित शाह जी और उद्धव जी के बीच हुआ है तो ये उन्हीं को पता होगा और फिर वही तय कर सकेंगे. उन्होंने साथ ही कहा कि हमारे पास दस निर्दलीय विधायकों का समर्थन है और पाँच और विधायक हमारे साथ आ सकते हैं.
इस सबके बीच भाजपा नेता प्रसाद लाढ ने शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे से मुलाक़ात की. इस मुलाक़ात के भी बड़े राजनीतिक मायने निकल रहे हैं. भाजपा अपने कैम्प को तो शिवसेना अपने कैम्प को बढाने में लगी है लेकिन सबसे दिलचस्प ये है कि एनसीपी और कांग्रेस इस पूरे तमाशे को बाहर से देख रहे हैं और आने वाले हर क़दम पर नज़र बनाये हैं.