आँखों का होना ही सबसे बड़ा वरदान है। ऐसे में न सिर्फ़ आँखों की ख़ूबसूरती बरकरार रखने की ज़रूरत हैं बल्कि ज़रूरी है आँखों की रौशनी बचाए रखने की भी। बारिश के मौसम में तरह-तरह के छूटे जीवाणु सक्रिय हो जाते हैं और इनसे बीमारियाँ तो फैलती ही हैं साथ ही आँखों में संक्रमण का ख़तरा भी बढ़ जाता है। ऐसे में इस मौसम में शरीर के साथ-साथ आँखों का ख़ास ख़याल रखना भी ज़रूरी है।
बरसात में आँखों में होने वाले इन्फ़ेक्शन में सबसे मुख्य है कंजेक्टिविटी जिसे आँखों का आना भी कहते हैं। इस संक्रमण में आँखों में सूजन आ जाती है, आँखें लाल हो जाती हैं और आँखों में से पानी निकलता है साथ ही आँखों में काफ़ी तकलीफ़ होती है। कहा जाता है कि ये फैलने वाली बीमारी होती है। इससे बचाव के लिए बेवजह आँखों को न छुएँ और न ही रगड़ें, कटोरी में गुनगुने पानी में रुई भीगाकर आँखों को साफ़ करें, साथ ही डॉक्टर से सम्पर्क करके दवा लें।

जहाँ बरसात में आँखों में परेशानी हो सकती है वहीं आँखों में रूखापन आ जाता है लगातार स्क्रीन(कम्प्यूटर, मोबाइल) में देखने के कारण भी। इसका एक बड़ा कारण है कि हम स्क्रीन में देखते समय आँखों की पलकें झपकाना बंद कर देते हैं और इसके कारण आँखें थक जाती हैं आँखों की प्राकृतिक नमी खोने से आँखों में खुजली और लाली आ जाती है। इसके लिए आँखों के लिए जेल या ड्रॉप दिया जाता है।
वैसे आँखों को हमेशा तंदुरुस्त और ख़ूबसूरत बनाए रखने के लिए गाजर, चुकंदर का सेवन करना अच्छा माना जाता है। इसके साथ ही आँवले को खाने से भी आँखों की रौशनी तेज़ होती है। आँखें जब थकी हुई लगें तो आँखों को कुछ देर के लिए बंद करके उसके ऊपर हथेलियाँ ढाँक लें और कुछ देर ऐसे ही रहने के बाद हाथ हटाएँ और आँखें धीरे-धीरे खोलें आपको आराम मिलेगा।

इसी तरह काम करते हुए आँखों की पुतलियों को गोल- गोल घुमाएँ और ऊपर-नीचे, बाएँ- दाएँ जहाँ तक ले जा सकें ले जाएँ। हर दस मिनट में पलकों को झपकाएँ। इन उपायों से आपके आँखों की रोशनी और ख़ूबसूरती बनी रहेगी और क्या जाने कब कोई कवि या शाइर आपकी आँखों की तारीफ़ में कोई कविता या शेर लिख दे।