हैदराबाद/नई दिल्ली: पिछले कुछ दिनों से सोशल मीडिया और मेनस्ट्रीम मीडिया में एक ऐसा गुट तैयार हुआ है जो हर एक बात को हि’न्दू और मुस्लि’म के चश्मे से देखने की कोशिश करता है. उसकी कोशिश होती है कि कैसे समाज में द्वे’ष फैलाया जाए. एक तरफ़ जहाँ पूरी दुनिया कोरो’ना वायरस से ल’ड़ रही है वहीँ दूसरी ओर कुछ लोगों का काम नफ़रत फैलाने का रह गया है. इस समय मेन स्ट्रीम मीडिया का एक गुट पूरी तरह से निज़ामुद्दीन मरकज़ के पीछे पड़ गया है.
सरकार कोशिश में है कि मरकज़ में शामिल हुए सभी लोगों को कुछ समय के लिए क्वारंटाइन में रखा जाए और जो भी को’रोना पॉजिटिव हैं उनका इलाज किया जाए. वहीँ कुछ नेता अपनी राजनीति चमकाने में और समाज में द्वे’ष फैलाने में तबलीग़ के लोगों पर अजीब ओ ग़रीब इलज़ाम लगा रहे हैं. कुछ मीडिया हाउस ने तो तबलीग़ के लोगों को “कोरो’ना ब’म” तक कह दिया. हद तो ये हो गई कि मीडिया बेशर्म होकर के ये सवाल बड़े बड़े नेताओं से कर रही है.
जब इसी तरह का एक सवाल तेलंगाना के मुख्यमंत्री के चन्द्रशेखर राव की तरफ़ आया तो उन्होंने पत्रकार को तमीज़ सिखाई. उन्होंने कहा कि तबलीग़ के लोगों से कोई सोशल हारमनी पर ख़तरा नहीं है और ख़तरा आप पैदा कर रहे हैं. पत्रकार ने पूछा कि उन पर क्या कार्य’वाई होगी. इस पर राव ने कहा कि उन पर कुछ भी करने का नहीं है.. उन्होंने कोई ग़लती नहीं की, वो आम तौर पर आते हैं. उन्होंने कहा कि वो भारत का वीज़ा लेकर आये हैं और घुसपैठइए नहीं हैं.
इसके अलावा केरल के मुख्यमंत्री पिनाराई विजयन ने भी इस मुद्दे पर बयान दिया है. उन्होंने सोशल मीडिया पर चल रही नफ़रत की आ’लोचना की. उन्होंने कहा कि को’रोना वायरस किसी का धर्म नहीं देखता. विजयन ने कहा कि इस बीमारी की आड़ में धार्मिक ध्रुवीकरण न किया जाए. उम्मीद है कि मीडिया अपना ज़मीर कुछ वापिस हासिल करने की कोशिश करेगा और इस तरह की नीचता से बचेगा कि बीमारी को भी हिन्दू और मुसलमान में बाँ’ट दे.