हम सभी ख़ुद को कितना भी सम्भाले लेकिन ये तो सच है कि मोबाइल का अडिक्शन हम सभी को हो चुका है। टाइम देखना हो या तारीख़ हम घड़ी और कैलेंडर से ज़्यादा मोबाइल पर निर्भर होते हैं। वो बीते समय की बातें हैं जब हम अपने अज़ीज़ों का नम्बर याद रखा करते थे और उन्हें सप्ताह में एक बार फ़ोन किया करते थे या उनके फ़ोन का इंतज़ार करते थे, ऐसे ही भेजी जाती थीं चिट्ठियाँ और उनके जवाबों का इंतज़ार करते थे।
अब तो जब मन किया फ़ोन भी किया जा सकता है और तो और विडीओ कॉल के ज़रिए दूर बैठे लोगों से भी बातें ही नहीं मुलाक़ातें भी हो जाती हैं। किसी भी बात का पता करना हो बस अपने फ़ोन में एक सर्च करते ही सारी जानकारी उपलब्ध हो जाती है। जितना हम फ़ोन पर निर्भर हुए हैं उतना ही दूर अपने परिवार से भी हुए हैं। इन दिनों सोशल मीडिया भी जीवन में अहम भूमिका निभाने लगी है। whatsapp, फ़ेसबुक, इंस्टा, ट्विटर जैसी कितनी ही सोशल नेटवर्किंग साइट्स है जिसके ज़रिए हम न सिर्फ़ अपने जान- पहचान के लोगों से बल्कि दूर-दराज़ के लोगों से भी दोस्ती बढ़ा चुके हैं।

सोशल मीडिया का ग़लत इस्तेमाल भी होता है और इससे लोगों के बीच होने वाली सहज बातचीत और आपसी सहमति जैसी बातें अब बीते ज़माने की बात हो चुकी है। अब तो एक असहमति पर ब्लॉक कर देना उचित लगता है। इस तरह से हम न सिर्फ़ स्मार्ट फ़ोन बल्कि सोशल मीडिया के बिना भी रहने की कल्पना तक नहीं कर पाते हैं। सुबह उठते ही अगर घर का कोई सदस्य न दिखे तो हम उसकी खोज शायद ही करें लेकिन अगर मोबाइल आसपास न हो तो उसकी खोज में घर को बिखेर सकते हैं। ऐसे में अगर आपका मोबाइल सही ढंग से काम करना बंद कर दे तो?
ज़रा सोचिए इस कल्पना मात्र से आपके मन में कितनी घबराहट हो जाती है। लेकिन कल ही बहुत से लोगों ने इस बात को अनुभव किया जब उन्हें सोशल मीडिया में न सिर्फ़ ख़ुद की बल्कि दोस्तों की पोस्ट की हुई फ़ोटोज़ दिखनी बंद हो गयी। ये असर सिर्फ़ फ़ेसबुक ही नहीं बल्कि whatsapp और instagraam जैसी साइट्स में भी हुआ। कई घंटों तक लोगों को न तो किसी की तस्वीरें दिखीं और न ही उनकी पोस्ट की गयी तस्वीरों पर ही किसी का कोई रीऐक्शन मिल सका। ऐसे में लाखों लोगों ने अबसे पहले अंदाज़ा लगाया कि शायद उनके नेट्वर्क में गड़बड़ी है, कई बार चेक करने के बाद भी जब उन्हें कोई फ़ोटोज़ नहीं दिखीं तो उन्होंने अपने फ़ोन को ही ख़राब हुआ मान लिया।

कइयों ने अपने फ़ोन को रीस्टार्ट किया, यहाँ तक कि कुछ लोगों ने नेट्वर्क ओपरेटर्स को कॉल करके शिकायत तक दर्ज कर दी। सोशल मीडिया से दूर रहने के इस छोटे से अनुभव से लोग बुरी तरह पैनिक हो गए। बहरहाल बाद में फ़ेसबुक की ओर से इस असुविधा के लिए एक माफ़ीनामा जारी हुआ। जहाँ फ़ेसबुक के सर्वर में आयी गड़बड़ी की वजह से ऐसा होने की बात कही गयी। साथ ही ये बयान भी जारी किया गया कि वो जल्द ही इसे सुधारने की कोशिश कर रहे हैं।

आज सुबह तक सभी चीज़ें सामान्य हो गयीं लेकिन पैनिक से भरे कई पोस्ट अब तक लोगों की वॉल पर नज़र आने लगे। इस छोटी सी असुविधा से हमारे सामने एक बात तो ज़रूर आ गयी कि हम बुरी तरह सोशल मीडिया के जाल में फँसे हुए हैं और उसके बंद होते ही यूँ छटपटाने लगे जैसे पानी के बिना मछली की हालत होती है। बहुत ज़रूरी है कि हम इसे सिर्फ़ एक आम आदत की तरह बनाए रखें न कि अपनी मूलभूत ज़रूरतों में शामिल करें। आप इस विषय में क्या सोचते हैं हमें ज़रूर बताएँ।