आईसीसी ने एक बड़ा फ़ैसला करते हुए सभी को चौंका दिया ख़ासकर इस फ़ैसले से प्रभावित हुई ज़िम्बाब्वे की टीम..आईसीसी ने फ़ैसला लेते हुए कहा कि ज़िम्बाब्वे की टीम को तत्काल प्रभाव से बैन किया जा रहा है, इसका कारण बताते हुए आईसीसी ने ये कहा कि ज़िम्बाब्वे की टीम में राजनीतिक हस्तक्षेप पाया गया है। मौक़ा मिलने पर भी आईसीसी को ज़िम्बाब्वे क्रिकेट बोर्ड की ओर से कोई संतोषजनक जवाब नहीं मिल पाया है।
आईसीसी ने ये फ़ैसला अपनी सालाना प्रेस कोनफ़्रेंस में लिया और बताया कि ज़िम्बाब्वे क्रिकेट पर अनुशासन के सिद्धतों का पालन न करने के कारण ये फ़ैसला लिया जा रहा है। बैन का ऐलान करते हुए आईसीसी के चेयरमैन शशांक मनोहर ने इस मामले में मीडिया को बताया कि “हम किसी सदस्य को बैन करने के फैसले को हल्के में नहीं लेते हैं, लेकिन हमें अपने खेल को राजनीतिक हस्तक्षेप से मुक्त रखना चाहिए। जिम्बाब्वे में जो हुआ है वह आईसीसी संविधान का एक गंभीर उल्लंघन है और हम इसे अनियंत्रित जारी रखने की अनुमति नहीं दे सकते”

आईसीसी के इस फ़ैसले के बाद से देश-विदेश से प्रतिक्रियाएँ आने लगी हैं। ख़ासकर ज़िम्बाब्वे की टीम गहरे दुःख में है और अपने इस दुःख को बयान करने के लिए सोशल मीडिया का सहारा लिया है। ज़िम्बाब्वे टीम के ऑल राउंडर प्लेयर सिकंदर रज़ा ने एक भावुक संदेश देते हुए लिखा कि “कैसे एक फ़ैसले से दुनिया भर में क्रिकेट के लिए एक टीम अजनबी हो गयी..कैसे एक फ़ैसले से कई लोगों का काम उनसे छिन गया। कैसे एक फ़ैसले से कई परिवारों पर असर पड़ा है.. कैसे एक फ़ैसले से कई लोगों के करियर ख़तरे में पड़ गया..वो निश्चित तौर पर इस तरह से अपने अंतरराष्ट्रीय करियर से सन्यास लेना नहीं चाहते थे।

सिकंदर रज़ा ने जिम्बाब्वे के लिए 12 टेस्ट, 97 वनडे और 32 टी20 मैच खेले हैं। उनके साथ-साथ ही जिम्बाब्वे के बेहतरीन खिलाड़ी ब्रेंडन टेलर ने ट्वीटर पर भावुक ट्वीट करते हुए कहा, “जिम्बाब्वे से क्रिकेट को जाता देख दिल काफी टूटा है। उन्होंने आगे लिखा कि हमारी सरकार में एक भी ऐसा व्यक्ति नहीं जो इस फ़ैसले के ख़िलाफ़ कुछ बोले..यहाँ सैकड़ों ग्राउंड स्टाफ़, सपोर्ट स्टाफ़ और खिलाड़ी जैसे ईमानदार लोग देखते ही देखते बेरोज़गार हो गए।
यहाँ हम आपको बता दें कि ज़िम्बाब्वे की टीम के इस बैन का असर उन पर इस तरह से होगा कि वो अब आईसीसी द्वारा आयोजित किसी भी टूर्नामेंट में भाग नहीं ले पाएँगे। जिसके कारण आईसीसी महिला टी20 वर्ल्ड कप क्वालीफायर जो अगस्त में होने वाला है और पुरुष टी20 वर्ल्ड कप क्वालीफायर जो अक्टूबर में होने वाला है दोनों में ही ज़िम्बाब्वे टीम की भागीदारी पर सवालिया निशान लग गया है।

इससे पहले पुरुष आईसीसी द्वारा 2015 में श्रीलंका टीम, USA और नेपाल की टीम को सस्पेंड किया था। लेकिन आईसीसी ने नेपाल और USA की टीम को बैन के दौरान भी इवेंट्स में शामिल होने की अनुमति दी थी। वहीं मोरक्कन क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड एक बार बैन होने के बाद कभी आईसीसी मेंबरशिप हासिल ही नहीं कर पाया।