मुंबई: महाराष्ट्र के सियासी संकट पर आज एक नया मोड़ आ गया. सुबह ही भाजपा ने अजीत पवार के साथ मिलकर सरकार बना ली. एनसीपी नेता अजीत पवार ने दावा किया कि उनके पास पार्टी के कई विधायकों का समर्थन है और साथ ही शरद पवार भी इस फ़ैसले के हक़ में हैं लेकिन बाद में जब पवार का बयान आया तो उससे साफ़ हो गया कि अजीत पवार ने ये अपने आप ही फ़ैसला ले लिए है. अब इस मुद्दे पर कांग्रेस भी एक्टिव हो गई है.
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता अहमद पटेल ने इस बारे में प्रेस वार्ता की और कहा कि आज का दिन महाराष्ट्र के इतिहास का काला दिन है. उन्होंने कहा कि ये सब इतनी जल्दबाज़ी में और सुबह किया गया.. कुछ तो ग़लत है इसमें..इससे बड़े शर्म की बात क्या हो सकती है.पटेल ने कहा कि तीनों पार्टियां एक जुट हैं और इस मुद्दे पर हम विश्वास मत में भाजपा को हरा देंगे. उन्होंने कहा कि सभी कांग्रेस विधायक इस समय मौजूद हैं सिर्फ़ दो विधायक नहीं हैं जो गाँव गए हैं और वो भी हमारे साथ हैं.
पटेल ने कहा कि वो इस मुद्दे पर राजनीतिक और लीगल दोनों तरह की लड़ाई लड़ेंगे. वहीँ शिवसेना के संजय राउत ने बयान देते हुए कहा कि हम धनञ्जय मुंडे के टच में हैं और इस बात की उम्मीद है कि अजीत पवार वापिस आ जाएँ.. अजीत को ब्लैकमेल किया गया है और ये ‘सामना’ पेपर में जल्दी ही सामने आ जाएगा. उन्होंने कहा कि जो आठ विधायक अजीत पवार के साथ गए थे, पाँच वापिस आ गए हैं..उनसे झूठ बोला गया था, उन्हें कार में लिया गया जैसे कि किडनैप करते हैं.
राउत ने कहा कि अगर हिम्मत है तो विधानसभा में मेजोरिटी सिद्ध करके दिखाएँ. शिवसेना अध्यक्ष उद्धव ठाकरे ने कहा कि उन्हें कोशिश करने दीजिये शिवसेना के विधायकों को तोड़ने की..महाराष्ट्र सोता नहीं रहेगा. इसके पहले शिवसेना-एनसीपी की साझा कांफ्रेंस हुई. इस कांफ्रेंस को संबोधित करते हुए शरद पवार ने कहा कि अजीत पवार का फ़ैसला पार्टी लाइन के ख़िलाफ़ है. उन्होंने कहा कि कोई भी एनसीपी नेता या कार्यकर्ता एनसीपी-भाजपा की सरकार के समर्थन में नहीं है.
शरद पवार ने कहा कि कांग्रेस, शिवसेना, और एनसीपी साथ आकर सरकार बना सकते हैं और हमारे पास नंबर थे. उन्होंने कहा कि हमारे पास तो ऑफिशियल नंबर हैं- 44, 56, और 54 विधायक हैं और कई अन्य का समर्थन मिलाकर ये आँकड़ा 170 के पार जाता है. इस प्रेस वार्ता में एनसीपी के विधायक राज्नेद्र शिन्गाने ने एक बड़ा बयान दिया है. शिन्गाने पवार के साथ राज भवन गए थे. उन्होंने बताया कि अजीत पवार का फ़ोन मेरे पास आया कि कुछ डिस्कस करना है और वहाँ से मुझे राज भवन ले जाया गया और जब तक मुझे पता चलता शपथ ग्रहण हो गया था.. फिर मैं जल्दी से पवार साहब के पास गया और उनसे कहा कि मैं शरद पवार और एनसीपी के साथ हूँ.