लखनऊ। लोकसभा चुनाव में मिली हा’र के बाद समाजवादी पार्टी में लगातार मंथ’न का दौर है. सपा के वरिष्ठ नेता ये कह रहे हैं कि पार्टी को फिर से पुरानी जैसी मज़बूती मिले इसके लिए अभी से कोशिश करनी होगी. सपा में अन्दर अन्दर कई लोग ये मान रहे हैं कि प्रगतिशील समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष शिवपाल यादव वापिस सपा में आ जाएँ. परन्तु शिवपाल का ख़ेमा वापिस सपा में आने को तैयार नहीं है.
इसको लेकर अपनी तरफ़ से नेता जी (मुलायम सिंह यादव) भी कर चुके हैं लेकिन वो भी अपने भाई को मनाने में नाकामयाब रहे. सपा की लोकसभा चुनाव में जो हा’र हुई उसके बाद मुलायम सिंह चाहते हैं कि अखिलेश यादव और शिवपाल यादव को अपने मतभेद भुला कर साथ आना ही चाहिए. उल्लेखनीय है कि सपा को इस लोकसभा चुनाव में महज़ 5 सीटें मिलीं जिसमें से दो सीटें मुलायम सिंह यादव और अखिलेश यादव जीते और एक आज़म ख़ान.
वहीँ सपा अपने पुराने गढ़ भी न बचा सकी. बदायूँ, फ़िरोज़ाबाद और कन्नौज तक में पार्टी को हा’र मिली. वहीँ सपा के साथ गठबंधन करके बसपा को 10 सीटें मिल गईं जबकि बसपा ने पिछले लोकसभा चुनाव में एक भी सीट नहीं जीती थी. कहा जा रहा है कि फ़िरोज़ाबाद में सपा की हा’र का कारण वोटों में बिखराव था. यहाँ शिवपाल ने सेंध लगा कर सपा को पीछे कर दिया.
वहीँ अब ख़बर है कि सपा और शिवपाल यादव की पार्टी प्रसपा साथ आकर चुनाव ल’ड़ सकते हैं. इसका अर्थ हुआ कि शिवपाल वापिस सपा में नहीं जाएँगे लेकिन वो सपा के साथ मिलकर चुनाव ल’ड़ेंगे. शिवपाल ख़ेमा लम्बे समय से यही चाहता है. शिवपाल के क़रीबी लोग भी चाहते हैं कि सपा और प्रसपा का गठबंधन हो जाए.