मुंबई: महाराष्ट्र में सियासी हालचाल अभी भी वहीँ जो कुछ रोज़ पहले थे. ऐसी उम्मीद की जा रही थी कि कल जब शरद पवार कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी से मिलेंगे तो गठबंधन की घोषणा हो जाएगी. परन्तु एनसीपी अध्यक्ष शरद पवार ने ऐसी गुगली फेंकी है कि शिवसेना भी समझ नहीं पा रही कि वो आगे क्या करे. असल में महाराष्ट्र की राजनीति अब पूरी तरह से शरद पवार के मुताबिक़ चल रही है और वो इसको समझ भी चुके हैं.
चुनाव से पहले कमज़ोर मानी जानी वाली एनसीपी चुनाव नतीजों के बाद कूटनीति में सबको मात दे रही है. शिवसेना जहाँ बार-बार ये दावा कर रही थी कि उसके पास एनसीपी और कांग्रेस दोनों का समर्थन है वहीँ एनसीपी अध्यक्ष ने उसे सकते में डाल दिया है. इस मामले में शिवसेना के एक विधायक ने कहा,”हमारी पार्टी को इंतज़ार करना चाहिए और एनसीपी सुप्रीमो के साथ जाने से पहले 10 बार विचार करना चाहिए।”
शिवसेना के एक पदाधिकारी ने सवाल किया,”यह किस तरह की राजनीति है? शिवसेना जैसी पार्टी जो 80 फीसदी सामाजिक सेवा और 20 प्रतिशत राजनीति करती है, के लिए यह बेहतर होगा कि वह एनसीपी-कांग्रेस से दूर रहे और बीजेपी के साथ हाथ मिला ले।” पवार की प्रेस वार्ता के बाद संजय राउत ने एक ट्वीट किया,”अगर जिंदगी में कुछ पाना हो तो तरीके बदलो इरादे नहीं…जय महाराष्ट्र।”
सरकार बनाने को लेकर जब सवाल पवार से पूछा गया तो उन्होंने कहा कि सरकार बनाने को लेकर कांग्रेस अध्यक्ष से कोई बात ही नहीं हुई है. उन्होंने ये भी कहा कि भाजपा-शिवसेना को सरकार बनाने की ज़िम्मेदारी मिली थी. इस बात पर राउत ने कहा,”सरकार बनाने की जिम्मेदारी शिवसेना की नहीं थी। यह जिनकी जिम्मेदारी थी, वे भाग निकले हैं। लेकिन मुझे भरोसा है कि हम जल्दी ही सरकार बना लेंगे।”