सऊदी अरब की करिश्माई जीत के बाद अरब और अफ़्रीकी देशों ने मज़बूत टीमों को रौं’दा..

इस बार के वर्ल्ड कप में जहाँ यूरोप और दक्षिणी अमरीका की फुटबॉल टीमों पर सभी की निगाह थी वहीं एशिया और अफ़्रीका की टीमों ने भी कुछ कमाल ज़रूर किए हैं. अफ़्रीकी टीम सेनेगल अगले राउंड में पहुँच गई है तो मोरक्को ने ग्रुप टॉप कर अगले राउंड में प्रवेश किया है. मोरक्को की कामयाबी का जश्न अरब जगत भी मना रहा है क्यूँकि मोरक्को अरब देश भी है. जापान ने भी अपना ग्रुप टॉप कर के अगले राउंड में प्रवेश किया है और इसके साथ ही सबको बता दिया है कि एशियाई भी कोई कमज़ोर नहीं हैं.

जापान एक ऐसे ग्रुप में टॉप टीम बना है जिसमें स्पेन और जर्मनी जैसी मज़बूत टीमें थीं, जर्मनी और स्पेन दोनों को जापान ने हराया लेकिन कोस्टा रिका ने उसे 1-0 से हरा दिया. स्पेन ने कोस्टा रिका को 7-0 से हराकर गोल अंतर ऐसा कर लिया कि वो जापान के मैच में बिना बड़ी हार हारे बाहर नहीं हो सकता था.

जर्मनी लेकिन आख़िरी मैच 4-2 से जीतकर भी जापान की हार को भुला नहीं पाएगा क्यूँकि वो लगातार दूसरी बार राउंड ऑफ़ 16 में नहीं पहुँच पाया. जर्मनी ने बस अपना पहला मैच ही ख़राब खेला जिसमें वो जापान के हाथों हार गया लेकिन जापान ने उसे वो हार दी थी जिसके बाद वो स्पेन से ड्रा खेलकर और कोस्टा रिका को हराकर भी अगले राउंड में नहीं पहुँच सका.

मोरक्को ने भी अपना ग्रुप टॉप किया, एक ऐसा ग्रुप जिसमें क्रोएशिया जैसी मज़बूत टीम थी और साथ ही नम्बर दो रैंकिंग वाली बेल्जियम भी थी. मोरक्को ने पहले क्रोएशिया से 0-0 पर ड्रा खेला, वहीं बेल्जियम को 2-0 से हराकर अपने इरादे बता दिए. मोरक्को ने अपने तीसरे और अंतिम मैच में कनाडा को 2-1 से हराकर ग्रुप को टॉप किया.

पिछले सात मैचों से कोई गोल न खाने वाली मोरक्को को इस मैच में एक सेल्फ़ गोल पड़ा, हालाँकि इसके बाद मोरक्को के डिफेन्स ने कोई ग़लती न की और मैच जीत लिया. ग्रुप ऍफ़ से बेल्जियम की विदाई हो गई जबकि मोरक्को और क्रोएशिया अगले दौर में प्रवेश कर गए. मोरक्को ने ये कामयाबी 36 साल बाद हासिल की है.

ग्रुप से सेनेगल ने राउंड ऑफ़ 16 में प्रवेश किया है. इस ग्रुप में नीदरलैंड्स ने टॉप किया है जबकि दूसरे नम्बर पर सेनेगल रही. इक्वाडोर और क़तर विश्व कप की रेस से अब बाहर हो गए हैं. सेनेगल की कामयाबी को भी कम करके नहीं आंका जा सकता. अफ़्रीकी देश सेनेगल ने इक्वाडोर जैसी मज़बूत टीम को हराकर अपनी क़ाबिलियत साबित की.

सेनेगल, मोरक्को और जापान के अलावा कुछ और अफ़्रीकी और एशियाई टीमों ने चौंकाया. इनमें सबसे पहला नाम सऊदी अरब का आता है, सऊदी अरब ने पहले मैच में अर्जेंटीना को 2-1 से हराकर पूरी दुनिया को चौंका दिया, वहीं ट्यूनीशिया ने अपने ग्रुप में अच्छा खेल दिखाया और ऑस्ट्रेलिया से हारने के बाद मौजूदा वर्ल्ड चैम्पियन फ्रांस को 1-0 से हराया जबकि डेनमार्क से ड्रा खेला. ट्यूनीशिया भले विश्व कप से बाहर हो गया हो लेकिन उसके खेल की तारीफ़ की जानी चाहिए. ईरान के लिए भी इस टूर्नामेंट से कई पॉजिटिव हैं जिनको लेकर वो आगे जा सकते हैं और ख़ुद में सुधार कर सकते हैं.

फिलहाल की बात करें तो नज़र ग्रुप एच पर लगी हैं. इसमें पुर्तगाल नम्बर एक पर चल रही है जबकि नम्बर दो पर अफ़्रीकी देश घाना है. घाना का आज उरुग्वे से मैच है, अगर वो इस मैच को ड्रा खेल ले तो भी उसका अगले राउंड में पहुंचना लगभग तय है जबकि जीत उसका अगले राउंड में पहुँचना निश्चित कर देगी. एशियाई टीम दक्षिण कोरिया भी पुर्तगाल के ख़िलाफ़ आज मुक़ाबले में होगी.

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