मुंबई: महाराष्ट्र में सियासी उथल-पुथल अभी भी थमी नहीं है. सरकार बनाने की कोशिश में भाजपा-शिवसेना अपनी अपनी ओर से दावे कर रहे हैं. यूँ तो दोनों गठबंधन में हैं लेकिन जिस प्रकार से दोनों बयानबाज़ी कर रहे हैं उससे साफ़ है कि शिवसेना और भाजपा का ये साथ कब टूट जाए कुछ कहा नहीं जा सकता. शिवसेना ने आज एक बार फिर ऐसा दावा किया है जिसके बाद भाजपा सोच में पड़ गई है.
इस बीच शिवसेना ने एक बड़ा दावा किया है. सरकार बनाने को लेकर बीजेपी और शिवसेना में खींचातानी के बीच शिवसेना ने बड़ा दावा किया है. उसके दावे के मुताबिक 170 विधायकों का समर्थन हासिल है. एक समाचार एजेंसी में छपी ख़बर के मुताबिक़, महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव के नतीजों के बाद भी अभी तक सरकार बनने में पेंच फंसा हुआ है। शिवसेना हर दिन सरकार बनाने को लेकर बयान दे रही है। शिवसेना नेता संजय राउत ने दावा किया है कि हमारे पास बहुमत से ज्यादा विधायकों का समर्थन है।
एएनआई के मुताबिक, शिवसेना सांसद संजय राउत ने कहा कि हमारे पास 170 से अधिक विधायक हैं, जो हमारा समर्थन कर रहे हैं, यह आंकड़ा 175 तक भी पहुंच सकता है. शिवसेना ने रविवार को कहा कि यदि भाजपा महाराष्ट्र में सीएम पद को लेकर हमारे साथ तैयार नहीं होती है तो कांग्रेस और एनसीपी की मदद से सरकार बन सकती है। सामना में शिवसेना ने कहा कि अगर भाजपा बहुमत सीध नहीं कर सकती है तो हम सरकार बनाने का दावा पेश करेंगे.
इसके पहले भाजपा के एक सांसद ने ये कह कर और हंगामा कर दिया कि अगर 7 नवम्बर तक सरकार न बन पाई तो राज्य में राष्ट्रपति शासन लग जाएगा. इस बयान पर शिवसेना ने तीख़ी प्रतिक्रिया दी है. शिवसेना ने अपने मुखपत्र सामना के ज़रिये आज एक बार फिर भाजपा पर निशाना साधा है. शिवसेना ने भाजपा से पुछा है कि क्या राष्ट्रपति आपकी जेब में है? असल में शुक्रवार को बीजेपी नेता और महाराष्ट्र सरकार में वित्त मंत्री सुधीर मुनगंटीवार ने कहा था कि अगर राज्य में सात नवंबर तक नयी सरकार नहीं बनती है तो यहां राष्ट्रपति शासन लागू हो सकता है.
उन्होंने यह भी कहा कि सरकार गठन में मुख्य बाधा शिवसेना की ढाई साल के लिए मुख्यमंत्री पद की मांग है. इस पर सामना में लिखा है कि वर्तमान में महाराष्ट्र की राजनीति फिलहाल एक मजेदार ‘शोभायात्रा’ बन गई है और इसका जिम्मेदार कौन है? इसके आगे शिवसेना ने सुधीर मुनगंटीवार पर कटाक्ष किया और कहा कि विदा होती सरकार के बुझे हुए जुगनू रोज नए-नए मजाक करके महाराष्ट्र को कठिनाई में डाल रहे हैं.