अमरीका के पूर्व राष्ट्रपति बराक ओबामा ने ईरान के साथ अच्छे स’म्बन्ध बनाने की कोशिश की थी लेकिन जब राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प का नज़रिया कुछ और ही है. उन्होंने अपने चुनावी अभि’यान में भी ईरान से डील को लेकर ओबामा और डेमोक्रेट पार्टी की आ’लोचना की थी. कुछ इसी तरह का रवैया उन्होंने चुनाव के बाद भी रखा जब वो राष्ट्रपति के पद पर आसीन हो गए. ईरान और अमरीका के बीच त’नाव कम हो इसके लिए फ़्रांसिसी राष्ट्रपति एम्मनुअल मक्रों कोशिशों में लगे हैं.
फ्रांस में हो रही जी-7 शिखर वार्ता से पहले फ्रांस ने इस तरह के संकेत दिए कि वो मध्यस्थता कराना चाहता है. ईरान की तरफ़ से भी सकारात्मक बयान आया और कुछ इसी तरह का बयान आया अमरीका की तरफ़ से लेकिन डोनाल्ड ट्रम्प के एक बयान के बाद ईरान ने भी कड़ा रुख़ इख्तियार कर लिया है. असल में पीर के रोज़ ट्रम्प ने कहा कि ईरानी राष्ट्रपति से वो मिल सकते हैं. असल में ट्रम्प ने ईरान पर से पा’बंदी ह’टाने को लेकर कोई पक्का वादा नहीं किया.
ईरानी राष्ट्रपति हसन रूहानी ने अब कहा है कि जब तक ईरान पर से सैंक्शन नहीं ह’टाये जाते हैं किसी तरह की मुलाक़ात बस फ़ोटो-ऑप ही रहेगी. रूहानी ने कहा कि अमरीका जब तक सैंक्शन नहीं हटाता, कोई बातचीत संभव नहीं है. आपको बता दें कि ईरान और अमरीका का विवाद नुक्लेअर डील की वजह से है जो 2015 में हुई थी, तब अमरीका के राष्ट्रपति ओबामा थे लेकिन ओबामा की इस डील से ट्रम्प पीछे हट गए जिसके बाद ईरान ने भी कड़ा रुख़ इख्तियार कर लिया.
आपको बता दें कि सितम्बर में संयुक्त राष्ट्र की जनरल असेम्बली है. फ़्रांस और कई देश इस कोशिश में लगे हैं कि इसी दौरान ईरान और अमरीका के बीच संबंधों को सुधारा जाये. फ्रांस को मालूम है कि यही वो जगह है जहाँ से हालात बेहतर हो सकते हैं. फ़िलहाल तो लेकिन जिस तरह दोनों देशों के नेताओं के बयान आ रहे हैं, ये समझना मुश्किल है कि आगे संबंध बेहतर होंगे या नहीं.