पिता घरों में पहुंचाते थे सिलेंडर, बेटे ने लगातार पांच छक्के लगाकर बदली किस्मत…

रविवार के दिन अहमदाबाद के नरेंद्र मोदी स्टेडियम में एक ऐसा नाम गूंजा है, जिसको अभी तक ज्यादा लोग नहीं जानते थे। लेकिन आज सिर्फ देश के ही नहीं बल्कि दुनिया भर के लोग जानने लगे। रिंकू सिंह जिन्होंने पांच गेंदों में पांच छक्के जड़कर इतिहास के पन्नों पर अपना नाम दर्ज कर दिया है। खास बात ये रही कि जब उनसे इस कारनामे के बारे में बातचीत हुई तो उन्होंने इस सफलता को अपने परिवार को समर्पित किया। Rinku Singh Family

मैच के बाद बातचीत के दौरान रिंकू सिंह से कई सवाल पूछे गए। जिसके जवाब उन्होंने बड़े ही खूबसूरत अंदाज में दिए। इस बीच उन्होंने पांच गेंदों में 5 छक्कों को लेकर कहा कि “मुझे अंदर से भरोसा था कि मैं कर सकता हूं। पिछले साल भी एक ऐसी पारी लखनऊ के खिलाफ खेली थी। तब भी भरोसा था और आज भी था। राणा भाई (नीतीश राणा) ने कहा था कि भरोसा रखो और अंत तक खेलो, देखते हैं क्या होता है।”

वह आगे बताते हैं कि “मैं छक्का मारने की ही कोशिश कर रहा था। उमेश भैया (उमेश यादव) कहते रहे कि लगे रहो, ज्यादा सोचो मत और जैसा बॉल आ रहा है वैसा खेलो।” इस बीच उनसे सवाल किया गया कि वह आखिरी ओवर में क्या सोच रहे थे? तो वह कहते हैं कि “सोचा नहीं था कि पांच छक्के मार दूंगा। एक भरोसा था बस। बॉल मिले और लगते चले गए। और हम जीत भी गए।”

इस दौरान उन्होंने अपने परिवार को लेकर भी बातचीत की और उनके द्वारा मारा गया है छक्का उन्होंने अपने परिवार के लोगों को समर्पित किया। उन्होंने कहा कि “मेरे पिता ने बहुत संघर्ष किया, मैं एक किसान परिवार से आता हूं. हर गेंद जो मैंने मैदान से बाहर मारी वह उन लोगों को समर्पित थी जिन्होंने मेरे लिए इतना बलिदान दिया।” आपको बता दें कि रिंकू उत्तर प्रदेश के अलीगढ़ शहर से आते हैं और उनके पिता बतौर हॉकर काम किया करते थे। वह साइकिल से लोगों के घरों में सिलेंडर पहुंचाया करते थे।

काफी संघर्ष करने के बाद रिंकू को आईपीएल में खेलने का मौका मिला था और टीम में जगह बनाएं रखना उनके लिए काफी ज्यादा मुश्किल रहा था। आपको बता दें कि संघर्ष के दिनों में रिंकू खुद भी काम किया करते थे और उन्होंने लोगों के घरों में पोछा लगाने तक का भी काम दिया है। आज वह जिस मुकाम पर हैं सब उनकी मेहनत की बदौलत है। Rinku Singh Family

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