अस्सलाम ओ अलैकुम दोस्तों, एक बार फिर आपका स्वागत है हमारे पोर्टल भारत दुनिया में. आज हम आपको बताने जा रहे हैं एक ऐसी दुआ के बारे में जो बेहद ज़रूरी है.दोस्तों, हम आज आपको एक ऐसी दुआ के बारे में बताने जा रहे हैं जिसे अगर किसी चीज़ के आगे-पीछे न लगाया जाए तो वो दुआ कुबूल नहीं होती.हम आज आपको बताने जा रहे हैं कि ये कौन सी दुआ है.
दोस्तों एक हदीस का मौसम है कि हज़रत अबू हुरैरा रजि अल्लाह ताला अन्हा से रवायत है कि रसूलल्लाह सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम ने इरशाद फरमाया कि जो शख्स मुझ पर एक बार दुरूद भेजेगा अल्लाह पाक उस पर 10 रहमत नाजिल करेगा और उसके १० गुनाह माफ फरमाएगा और साथ ही उसे उसके 10 दर्जे बुलंद कर देगा.
दोस्तों दुरुद शरीफ गुनाहों को ख़त्म करता है, दुरुद शरीफ से हर अमल पाक हो जाता है.दरूद शरीफ पढ़ने से हमें ढेरो नेकियाँ मिलती हैं.हम सभी दिन भर क्या कुछ करते रहते हैं तो क्या हम लगातार दिन भर दुरूद नहीं पढ़ सकते.हमें चाहिए कि जब भी हमें याद आये तो हम दुरूद पढ़ें ऐसा नहीं कि किसी भी चीज़ में मुब्तिला हैं और दीन से दूर.
हजरत मोहम्मद सल्लल्लाहो वाले वसल्लम ने इस उम्मत के लिए इतनी तकलीफ उठाई है और किसी भी नबी ने ऐसी तकलीफ नहीं उठाई हैं.दोस्तों हजरत मोहम्मद मुस्तफा सल्लल्लाहो वाले वसल्लम कि मोहब्बत में हम उनके लिए दुरु शरीफ पढ़ा करें और इस से हमें बहुत फायदा भी है अल्लाह पाक इसके जरिए हमारी परेशानियों को दूर कर देता है और हमें गमों से निजात अदा कर देता है इसमें से दोस्तों एक बात यह है कि दुर शरीफ पढ़ने से इंसान को भूल ही हुई बात याद आ जाती है.