नई दिल्ली: कुछ समय पहले प्रसिद्ध योगगुरू बाबा रामदेव ने को’रोनिल दवा को लेकर दा’वे किए थे कि इससे कोरोना का इलाज हो सकता है। लेकिन बाद में उन्होंने कहा था कि कोरोनिल सिर्फ इम्युनिटी बूस्टर है। जिसके बाद रामदेव पर देश के कुछ स्थानों पर एफ’आईआर भी दर्ज की गई थी। अब इन दिनों रामदेव का एक कथित वीडियो वायरल हो रहा। जिसमें रामदेव एलोपैथी के खि’लाफ बोल रहे हैं।
इसी विषय पर इंडियन मेडिकल एसोसिएशन ने रामदेव के खिलाप प्रेस रिलीज जारी की है। IMA ने माँग की है कि, “स्वास्थ्य मंत्री या तो आरोपों को मान लें और मॉडर्न मेडिकल फेसिलिटी को डिसॉल्व कर दें या रामदेव पर मुकदमा चलाया जाए, महामारी रोग अधिनियम के तहत मुकदमा दर्ज हो”। IMA ने कहा है कि, कोविड-19 के सं’कटकाल में मॉर्डन मेडिसिन एलोपैथी से जुड़े डॉक्टर रात दिन काम कर रहे हैं।
IMA HQs Press Release on 22.05.2021 pic.twitter.com/rrc1LXA24n
— Indian Medical Association (@IMAIndiaOrg) May 22, 2021
इस महामारी से 1200 डॉक्टर्स की जान भी चली गई, तब भी एलोपैथी डॉक्टर लोगो का इलाज करने में जुटे हैं। ऐसे मुश्किल समय में कुछ लोग अपना अवसर तलाशने के लिए मॉर्डन एलोपैथी ट्रीटमेंट पर कीचड़ उछाल रहे हैं। आईएमए ने आगे कहा, सोशल मीडिया पर एक वीडियो शेयर हो रहा है जिसमें रामदेव एलोपैथी को ‘ स्टूपिड और दिवालिया साइंस ‘ बता रहे हैं।
इसमें आगे कहा गया है कि वो रामदेव जिनका सबको पता है कि रामदेव और उनके सहयोगी बालकृष्ण एलोपैथी से इलाज करवाते हैं। लेकिन वो लोगों को गुम’राह करने के लिए झूठे फैला रहे है। एसोसिएशन ने लिखा है की, रामदेव फार्मास्युटिकल यूनिट के कॉरपोरेट में आगे हैं। उन्होंने अपनी अपनी कंपनी के उत्पादों के लिए कई झू’ठे दावे किए जिसके लिए उनपर कई आ’पराधिक शिकायत भी दर्ज हैं। अब वो, फैबिफ्लू, रेमडिसिवर जैसी दवाओं को नाकाम बता रहे हैं।
IMA की मांग है कि स्वास्थ्य मंत्री रामदेव के इन आ’रोपों को मान कर मॉडर्न मेडिसिन एलोपैथी को खारिज ही कर दें। या फिर रामदेव के खिलाफ मुकदमा दर्ज करवायें। पतंजलि की ओर से जारी बयान में कहा गया है कि रामदेव की वैज्ञानिक चिकित्सा को बदनाम करने की कोई मंशा नहीं थी.