माहवारी के बंद होने पर आने वाली परेशानियाँ और उनका हल

माहवारी के बंद होने पर क्या करें ~ अश्मा इज़्ज़त

माहवारी के बंद होने पर क्या करें:

उम्र का हर दौर औरतों के लिए खास चुनौती भरा होता है और औरतों को अधिकतर चुनौती का सामना अकेले ही करना पड़ता है क्योंकि इतना पढ़ने लिखने के बावजूद भी हमारे समाज मे पुरुष अब तक उतने संवेदनशील नहीं हो सके हैं जितनी बराबरी के लिए इस समाज मे जरूरत है।

उन्ही तमाम समय मे से एक समय है औरतों के मेनपाज़ (menopause – माहवारी के बंद होने का समय) का समय जिस दौरान औरतों को न सिर्फ शारीरिक स्वास्थ पर प्रभाव पढ़ रहा होता है बल्कि वो गिरते मानसिक स्वास्थ का भी सामना करती हैं और भावनात्मक रूप से भी कमजोर महसूस करती हैं। मासिक धर्म बंद होने की उम्र आम तौर से 45 साल से 50 साल के बीच का होता है यह महिला की माता, नानी, दादी के मेनपाज़ पर भी निर्भर करता है। इसकी प्रक्रिया 12 से 18 माह तक भी हो सकती है हर महिला का अलग अलग अनुभव होता है।

मैंने कई बार अपने आस पास और परिवार की महिलाओं को इससे जूझते हुए देखा है और यह भी देखा है कि उनकी इस कैफियत को अधिकतर परिवार वाले व उनके पुरुष साथी नहीं समझते हैं जिसके कारण कई बार औरतें मानसिक रोग का शिकार हो जाती हैं। औरतों को अपना ख़्याल रखने के लिए क्या करना चाहिए इसका सही ज्ञान नहीं होने की वजह से वो अपनी उलझन और तेजी से गिरते स्वास्थ से परेशान होती हैं अकेले ही शरीर और भावनात्मक तौर से जूझ रही होती हैं। डॉ Lakshmi Prasuna (Obstetrics and Gynecology) Manipal Hospita

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courtesy: wikipedia.org

l, Vijaywada Andhra Pradesh. के अनुसार मेनपाज़ एक जैविक व प्राकृतिक प्रक्रिया है।

आम भाषा मे इसका संबंध औरत के प्रजनन से संबंधित है और इस समय औरतों का शारीरिक, मानसिक,भावनात्मक स्वास्थ पर गहरा प्रभाव पड़ता है जिसके लक्षण इस प्रकार हैं:
1 नींद का कम आना या बार बार नींद का खुलना
2 योनि मे सूखापन
3 अचानक बुखार जैसी गर्मी महसूस करना
4 याददाश्त का कम होना
5 हड्डी या जोड़ों मे दर्द होना
6 बाल झड़ना
7 आखों की रोशनी का कम होना आदि ।

आम तौर से औरतों मे अपने स्वास्थ को ले कर जागरूकता की कमी होती है जिसकी अनेक वजहें हैं जिससे कई बार सिर्फ कम पढ़ी लिखी औरतें ही नहीं प्रोफेशनल डिग्री वाली महिलायें भी अपना ख़्याल नहीं रख पाती हैं जिससे उनकी सेहत मे गिरावट देखने को मिलती है। डॉ Lakshmi Prasuna (Obstetrics and Gynecology) अपने लेख (द वीक मैगज़ीन मे प्रकाशित) मे लिखती हैं की कई बार डॉक्टर्स इन दिनों एस्टरोजीन सप्लीमेंट लेने की सलाह देते हैं (एस्टरोजीन एसे हार्मोन्स का एक ग्रुप है जो महिलाओं के योनि और प्रजनन स्वास्थ को बनाए रखने के लिए आवश्यक है) यह हार्मोन माहवारी बंद होने के समय कम होने लगता है और अधिकतर डाक्टर उस समय एस्टरोजीन सप्लीमेंट लेने की सलाह देते हैं जो कुछ बड़ी बीमारियों के खतरे को बढ़ा देता है।

1 हृदय रोग का खतरा
2 एथोरोस्क्लेरोसिस ( एक रोग जिसमे धमनियों के अंदर प्लाक बनने लगता है आसान भाषा में वसा जमने लगता है जिसका लक्षण है खून के दौरान मे रुकावट, सांस लेने में कठिनाई, घबराहट, पसीना आना आदि) का खतरा बढ़ जाता है।
3 ट्राईग्लिसराइड़्स का खतरा ( यह हमारे खून मे मौजूद एक प्रकार का वसा होता है ट्राईग्लिसराइड़्स के बढ़ जाने पर दिल के रोगों का खतरा अधिक हो जाता है)

मेनपाज़ (Menopause) के समय क्या करना चाहिए? (माहवारी के बंद होने पर क्या करें)
डॉक्टर्स का कहना है कि नॉन हॉर्मोनल सुपलीमेंट्स लेना परेशानी को कम कर सकता है जैसे:
1 कैलसियम सल्फेटस
2 विटामिन डी, आदि
साथ ही संतुलित भोजन व प्रोटीन युक्त भोजन जैसे हरी सब्जियां, अण्डे, मीट, चना, छोले, दाल, सूखे मेवे, सीजन वाले फल और साथ ही वर्जिश करना बहोत जरूरी है ।
आम तौर पर महिलायें परिवार के हर सदस्य का ख़्याल रखती हैं यहाँ तक के घर मे पाले जानवर का भी लेकिन खुद का ख़्याल नहीं रखती हैं ये अधिकतर देखा गया है इसके अनेक कारण हैं जिनमे सबसे बड़ी वजह है पितरसत्तात्मक समाज जिसमे बचपन से ही लड़कियों यह सीख देना शुरू करते हैं कि उनके सबका ख़्याल रखना है और सबको खुश रखना है। ऐसे मे उनका अपना स्वास्थ कभी उनकी प्राथमिकता पर नहीं होता है।

हर महिला के मेनोपॉज़ का समय अलग अलग हो सकता है ये उनकी माता, दादी, नानी के मेनपाज़ के अनुरूप हो सकता है सबको अपना सफर तय करना होता है इस समय सकारात्मक सोच और सेहत का ख्याल इस सफर को आसान बना देती है। आप अपने मन की दशा और शरीर की आवाज को सुनिए और अपना भरपूर खयाल रखिए।
मै डॉक्टर नहीं हूँ यह जानकारी मैंने डॉक्टर्स के लेखों से पढ़ कर हासिल की है जो की अधिकतर इंग्लिश भाषा मे थी और हिन्दी भाषी महिलाओं के लिए यह लेख लिखा है ताकि सरल शब्दों मे आप के स्वास्थ के लिए आप को जागरूक कर सकूँ। मै पेशे से वकील हूँ और मानव अधिकारो के लिए काम करती हूँ।

अशमा इज्जत (Ashma Izzat)

अश्मा इज़्ज़त समाजिक विषयों पर अपने विचार लिखती रहती हैं, लखनऊ की रहने वाली अश्मा पेशे से वकील हैं.

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