क्रिकेट में जितना महत्वपूर्ण एक खिलाड़ी होता है, उतना ही महत्वपूर्ण अंपायर भी होते हैं। अंपायर का हर फैसला मैच को जारी रखने के लिए जरूरी होता है। लेकिन अगर अंपायर ही गलत फैसला सुनाने लगे तो? जी हां आईपीएल (IPL mein umpiring) के पिछले कुछ मुकाबलों से अंपायर के फैसले पर काफी सवाल उठ रहे हैं। पिछले पांच मुकाबलों में 2 बार ऐसा हुआ है जब नो-बॉल को लेकर अंपायर के फैसले पर बवाल मच गया हो।
दिल्ली और पंजाब (Delhi Punjab IPL) के बीच हुए पिछले मुकाबले में अपने देखा होगा कि अंत के ओवर में पंजाब को जीतने के लिए 33 रन चाहिए थे। लेकिन गेंदबाज़ी करने आए इशांत शर्मा अपनी दूसरी गेंद पर छक्का और तीसरी गेंद पर एक चौका खा लेते हैं। जिसके बाद पंजाब की जीत की उम्मीद खत्म हो जाती हैं। लेकिन उसके बाद ही ओवर की चौथी गेंद नो हो जाती है और इसपर लिविंगस्टोन छक्का भी जड़ देते हैं।
लेकिन अंपायर का ये फैसला दिल्ली के खेमे को पसंद नहीं आता। गेंदबाज इशांत शर्मा (Ishant Sharma) इसको एक फुलटॉस गेंद बताते हैं, जबकि अंपायर अपने फैसले पर अड़े रहते हैं। ऐसे में टीम के कप्तान डेविड वार्नर (David Warner) अंपायर के फैसले को चुनौती देते हुए रिव्यू की मांग कर लेते हैं। जब मामला थर्ड अंपायर तक पहुंचा तो देखा गया बॉल कमर से थोड़ी सी ऊपर थी, जिसके चलते इसको नो-बॉल दे दिया गया।
ठीक ऐसी ही एक बॉल 5 दिन पहले ही लखनऊ सुपर जायंट्स और सनराइजर्स हैदराबाद (Sunrisers Hyderabad) के बीच खेले गए मुकाबले में फेंकी गई थी, जिसपर खूब विवाद हुआ था। ये गेंद लखनऊ के गेंदबाज आवेश खान ने अब्दुल समद को फेकी थी और अंपायर ने इसको नो बॉल करार दिया था। लेकिन LSG की ओर रिव्यू लिया गया और जब मामला थर्ड अंपायर तक पहुंचा तो उन्होंने इसको फेयर डिलीवरी बताया। ये दोनों ही गेंदे एक ही तरह से थीं, लेकिन दोनों का फैसला अलग अलग तरह से हुआ। इस कारण सोशल मीडिया पर इसको लेकर काफी बवाल हो रहा है। IPL Match