कोलकाता. पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनाव के नतीजे जब से आए हैं तभी से भाजपा के लिए बंगाल में अपनी पार्टी बचाने का संकट आ गया है. चुनाव के दौरान सरकार बनाने के बड़े बड़े दावे करने वाली पार्टी राज्य में अपने नेताओं को तृणमूल कांग्रेस में जाने से रोक नहीं पा रही है. इस पूरे मामले से भाजपा की साख बहुत ज़्यादा गिर गई है.
भाजपा के नेता अब तक कहा करते थे कि दूसरी पार्टी के नेता उनकी पार्टी में आते हैं लेकिन अब तो यहाँ बिलकुल उल्टा ही चल रहा है. राज्य में भाजपा को एक बहुत बड़ा झटका लगने जा रहा है. समाचार एजेंसी एएनआई ने सूत्रों के हवाले से बताया कि दिग्गज नेता और पार्टी के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष मुकुल रॉय तृणमूल कांग्रेस का दामन थाम सकते हैं. इस बात को लेकर शाम तक फैसला आ सकता है.
बताया जा रहा है कि कोलकाता में टीएमसी के शीर्ष नेताओं के साथ रॉय की बैठक के बाद वह दल बदल सकते हैं. राज्य में पहले ही बीजेपी के करीब 33 विधायकों के पार्टी छोड़ने की खबरें सामने आ रही थीं. हालांकि, एक फेसबुक पोस्ट के बाद यह भी कहा जा रहा था कि मुकुल रॉय के बेटे शुभ्रांशु रॉय टीएमसी में शामिल हो सकते हैं. उस दौरान भी मुकुल रॉय को लेकर चर्चाएं नहीं हो रही थीं.
बीते दिनों टीएमसी सांसद और वरिष्ठ नेता सौगत रॉय ने एक साक्षात्कार में दावा किया था कि कई लोग अभिषेक बनर्जी के संपर्क में हैं. रॉय इस बार नादिया जिले के कृष्णा नगर उत्तर प्रदेश सीट से चुनावी मैदान में थे. उन्होंने टीएमसी उम्मीदवार कौसानी मुखर्जी को हराया था. एनडीटीवी से बातचीत में सौगत रॉय ने कहा, ‘कई लोग हैं और अभिषेक बनर्जी के साथ संपर्क में हैं और वापसी करना चाहते हैं. मुझे लगता है उन्होंने जरूरत के समय पार्टी को धोखा दिया है.’ टीएमसी सांसद ने साफ कर दिया है, ‘आखिरी फैसला ममता दी लेंगी, लेकिन मुझे लगता है कि दल बदलने वालों को दो हिस्सों सॉफ्टलाइनर और हार्डलाइनर में बांटा जाएगा.’