मुंबई: महाराष्ट्र की सियासत में भाजपा और अजीत पवार ने मिलकर जो खेल खेला उससे शिवसेना और कांग्रेस ही नहीं बल्कि कई भाजपा नेता भी हैरान हैं. एनसीपी नेता अजीत पवार ने पार्टी के कुछ विधायकों को अपने साथ मिलाकर भाजपा से हाथ मिला लिया. इसके बाद उन्होंने ये भी कहा कि इसमें एनसीपी प्रमुख शरद पवार की भी हामी है. परन्तु शरद पवार ने बयान जारी कर कहा कि भाजपा के साथ जाने का फ़ैसला अजीत पवार का है और पार्टी का नहीं.
इस मामले में अपना पक्ष रखने शिवसेना के वरिष्ठ नेता संजय राउत सामने आये. उन्होंने कहा,”अजित पवार कल रात नौ बजे तक हमारे साथ बैठे थे और फिर अचानक वो निकल गए। उनकी बॉडी लेंगवेज सही नहीं लगी। उसके बाद से उनका फ़ोन बंद आ रहा था। जैसे कोई इंसान पाप करने जाता है वैसे ही उन्होने किसी से नज़रें नहीं मिला रहे थे। अंधेरे में पाप, चोरी, डकैती और व्यभिचार होता है, जिस तरह से अंधेरे में शपथ दिलायी गयी वो छत्रपति शिवाजी महाराज के महाराष्ट्र में ऐसा नहीं हो सकता था।”
उन्होंने कहा,”भाजपा सत्ता के लिए कुछ भी कर सकती है। अजित पवार ने जो धोका किया है उसके लिए उन्हें महाराष्ट्र की जनता कभी माफ़ नहीं करेगी, वो ज़िंदगी भर तड़पते रहेंगे।” उन्होंने आगे कहा कि सत्ता, पैसा और मस्ती के दम पर भाजपा ने ये खेल खेला। देवेंद्र फडनवीस की कोई ग़लती नहीं कहूँगा क्योंकि भाजपा सत्ता के लिए कुछ भी करने को तैयार है लेकिन छत्रपति शिवाजी महाराज की जनता को अजित पवार ने धोका दिया है। शरद पवार का इससे कोई लेना देना नहीं है वो लगातार हमसे सम्पर्क में बने हुए हैं। आज उद्धव ठाकरे और शरद पवार मुलाक़ात कर सकते हैं और शायद साथ में प्रेस कोनफ़्रेंस भी करें ऐसी बात चल रही है।
शरद पवार ने इसके पहले अपने बयान में कहा कि BJP को समर्थन करने का फ़ैसला NCP का नहीं है बल्कि अजित पवार का निजी फ़ैसला है। न हम उनका समर्थन करते हैं और न ही उनके साथ हैं। उन्होंने उद्धव ठाकरे से कहा कि अजित पवार ने पार्टी तोड़ दी। इस बीच बड़ी ख़बर है कि शरद पवार की बेटी और एनसीपी की नेत्री सुप्रिया सुले ने अपने व्हाट्सएप स्टेटस पर लिखा है कि परिवार और पार्टी टूट गई. एनसीपी के वरिष्ठ नेता नवाब मलिक ने कहा है कि हमने अटेंडेंस के लिए विधायकों के दस्तख़त लिए थे जिसको अजीत पवार ने ग़लत तरह से इस्तेमाल किया.
इस बीच बड़ी ख़बर ये भी है कि एनसीपी ने अपने विधायकों की मीटिंग आज शाम साढ़े चार बजे बुलाई है. इसमें सभी विधायकों को मौजूद होने के लिए कहा गया है. अगर इस मीटिंग में एनसीपी के अधिक विधायक शामिल होते हैं तो भाजपा और अजीत पवार गुट की बनी ये सरकार संकट में पड़ जाएगी. इस पूरे मामले पर कांग्रेस के नेताओं ने कहा है कि उन्हें समझ नहीं आ रहा ये किस तरह की राजनीति है.