भोपाल: मध्य प्रदेश कांग्रेस के बारे में कहा जाता है कि यहाँ कई बड़े नेता हैं. यही वजह थी कि लम्बे समय से कांग्रेस की सरकार यहाँ बन नहीं पा रही थी. हर एक नेता दूसरे से अपने को बड़ा समझता है और यहीं बात फँस जाती है. किसी तरह से एक सुलह हो गई और इस बार हुए विधानसभा चुनाव में पार्टी जीत गई. सरकार बनने के दौर में भी ये चर्चाएँ रहीं कि मुख्यमंत्री कौन बनेगा. ज्योतिरादित्य सिंधिया और कमलनाथ में फिर बात अटक गई लेकिन अंततः कमलनाथ पर राय बनी.
कमलनाथ के कार्यकाल के दौरान भी ज्योतिरादित्य सिंधिया कुछ ऐसे बयान दे जाते हैं जो कमलनाथ के लिए मुश्किल वाले होते हैं.सिंधिया ने रविवार के रोज़ कह दिया कि मैं जनता का एक सेवक हूं. जनता के मुद्दों के लिए लड़ाई लड़ना मेरा धर्म है. हमने एक साल धैर्य रखा. इसके बाद अगर घोषणापत्र में किए गए वादों को पूरा नहीं किया जाता है तो हम सड़कों पर प्रदर्शन करने से जरा भी नहीं झिझकेंगे.
उनके इस बयान पर अब कमलनाथ ने बयान दिया है. उन्होंने कहा कि उनकी किसी से कोई नाराजगी नहीं है. सूबे के मुखिया कमलनाथ ने सिंधिया के साथ नाराजगी से जुड़े सवालों का जवाब देते हुए राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान का जिक्र किया. उन्होंने कहा, “मैं किसी से कभी नाराज नहीं होता, मैं शिवराज सिंह से नाराज नहीं होता तो सिंधिया से क्यों नाराज होऊंगा.”
वहीँ एनपीआर के मुद्दे पर उन्होंने कहा कि इस पर विचार किया जाएगा हालाँकि अभी इसको लागू नहीं करेंगे.आपको बता दें कि ज्योतिरादित्य सिंधिया और कमलनाथ मध्य प्रदेश के बड़े नेता माने जाते हैं. परन्तु मुख्यमंत्री पद की दावेदारी में सिंधिया कहीं पीछे रह गए. कहा जाता है कि दिग्विजय सिंह का भी समर्थन कमलनाथ को ही नज़र आता है.