भोपाल. मध्य प्रदेश में इस समय राजनीतिक सं’कट चल रहा है. कांग्रेस की कमलनाथ नेतृत्व वाली सरकार गिरने की कगार पर है. पार्टी के वरिष्ठ नेता ज्योतिरादित्य सिंधिया ने कांग्रेस छोड़ दी और भाजपा का दामन थाम लिया है. इस बीच कांग्रेस पार्टी ने एक और बड़ा फ़ै’सला लिया है. मध्यप्रदेश में जल्द ही राज्यसभा की तीन सीटों के लिए चुनाव होने हैं. इस बीच तमाम बहस को रोकते हुए कांग्रेस ने दिग्गज नेता दिग्विजय सिंह को राज्यसभा का प्रत्याशी बनाया है.
इस मौक़े पर पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि कांग्रेस पार्टी ने ज्योतिरादित्य सिंधिया को राज्यसभा की सीट भी ऑफर की थी. दिग्विजय सिंह ने कहा, ‘हमने उन्हें राज्यसभा की सीट ऑफर की थी, हम इससे ज्यादा भी कुछ करने वाले थे. उन्हें इस बात का जनता के सामने खं’डन करने दो. ज्योतिरादित्य कई महीनों से कांग्रेस पार्टी छोड़ने की तैयारी कर रहे थे.’उन्होंने कहा कि ये समझ से परे है कि वो कांग्रेस छोड़ बैठे हैं.
सिंह ने कहा,”यह गलती हमसे हुई कि हम यह नहीं समझ पाए कि वह कांग्रेस छोड़ देंगे। कांग्रेस ने उन्हें क्या नहीं दिया. चार बार सांसद बनाया, दो बार केंद्रीय मंत्री बनाया और कार्य समिति का सदस्य और महासचिव बनाया.” उन्होंने कहा,”कांग्रेस 122 विधायकों के रहते हुए आसानी से उन्हें राज्यसभा भेज सकती थी. लेकिन हम उन्हें कैबिनेट मंत्री नहीं बना सकते थे। सिर्फ मोदी-शाह उन्हें कैबिनेट मंत्री बना सकते थे, हम नहीं.” दिग्विजय सिंह का बयान उस ख़बर के चलते आया है जिसमें कहा जा रहा है कि सिंधिया को केन्द्रीय मंत्री बनाया जा सकता है.
आपको बता दें कि ये संक’ट कांग्रेस के वरिष्ठ नेता ज्योतिरादित्य सिंधिया के बग़ावत करने से आया है. सिंधिया ने कांग्रेस से इस्ती’फ़ा दे दिया है जबकि पार्टी ने सूचना दी कि उन्हें निकाल दिया गया है. सिंधिया के इ’स्तीफ़ा देते ही मध्य प्रदेश कांग्रेस के नेता उनके ख़िला’फ़ बयान देने लगे. जानकार मानते हैं कि सिंधिया को राज्यसभा सीट और केंद्रीय मंत्री पद मिल सकता है, साथ ही ऐसी भी उम्मीद है कि जब भाजपा सरकार बने तब सिंधिया ख़ेमे से एक उप-मुख्यमंत्री बनाया जाए.
मध्यप्रदेश के राजनीतिक हालात पर छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा कि कुछ तो मजबूरियां रही होंगी वरना कोई यूं ही बेवफा थोड़ी होता है। कांग्रेस से जाने वाले लोग हमेशा हमने देखा है कि वो गुर्राते हुए जाते हैं और दुम दबाकर आते हैं और ऐसे अनेक उदाहरण हैं। उन्होंने कहा कि मध्य प्रदेश की सरकार अपने पूरे पाँच साल करेगी और अभी कमलनाथ की चाले बाक़ी हैं.