सफलता की सीढ़ी निरंतर प्रयास, दृढ़ता, समर्पण और अपने मकसद पर ध्यान केंद्रित करने से मिलती है। बड़ी सफलता हमेशा लगन से शुरू होती है और जो लगन से मेहनत करता है वह एक दिन कामियाब ज़रूर होता है।

श्रावस्ती जिले के मिस्रौलिया गांव के एक छात्र ने सभी आशंकाओं को दूर कर दिया है कि शिक्षा के क्षेत्र में सफलता एक गांव में रहकर हासिल नहीं की जा सकती है। मोहम्मद अशरफ ने हाई स्कूल में 81 प्रतिशत से अधिक अंक प्राप्त कर पूरे गांव का नाम रोशन किया है।

जाने-माने पत्रकार, लेखक मौलाना फैयाज मिस्बाही ने छात्र मुहम्मद अशरफ को बधाई दी और शिक्षा के क्षेत्र में और भी बेहतर प्रदर्शन करने की उम्मीद जताई। मौलाना मिस्बाही ने कहा कि इस सदी को शिक्षा की सदी और सृजन की आधुनिक पद्धति के रूप में माना जाता है। बच्चे अपनी बुद्धि का जितना अधिक उपयोग करेंगे, उनके लिए उतने ही अधिक अवसर होंगे। मौलाना मिस्बाही ने कहा, मुहम्मद अशरफ ने हाई स्कूल में अंक प्राप्त करके न केवल पूरे गांव बल्कि क्षेत्र का भी नाम रोशन किया है। हमें अपने गांव के इस होनहार बेटे पर गर्व है। यह बहुत खास है। यह एक नया है। विशेष रूप से इस्लामिक मदरसों में पढ़ने वाले छात्रों के लिए रौशनी की किरण।
उन्होंने कहा कि मोहम्मद अशरफ का बैक्ग्राउंड मदरसा है. वह उन्होंने न तो महंगा ट्यूशन लिया है. और न ही उन्होंने शहर से पढ़ाई की है. इस के बावजूद वह गावं में रह कर शहर के बच्चों से भी आगे बढ़ गए हैं. इस की मात्र एक वजह यह है कि इन्होने मदरसे में पढ़ाई की है. और मदरसे में केवल शिक्षित ही नहीं किया जाता है, बल्कि दिमाग को भी तमाम बुराइयों से पाक साफ़ रखा जाता है।

उन्होंने बताया कि मोहम्मद अशरफ के पिता भी एक अच्छे हाफ़िज़ व क़ारी हैं, जो एक मदरसे में बच्चों को तालीम देते हैं. उन्होंने भी इस मौके पर ख़ुशी का इज़हार किया है.वहीँ इस मौके पर सैयद सिराज-उद-दीन हाशमी नईमी, नूरिया फातिमा मौलाना रेहान हनफी, मास्टर साबिर सर, मास्टर शफीक सर, मास्टर कलीम अशरफ, सूरज सर, एहसान सर, सतेंदर सर, संजय सर, धर्मेंद्र सर, सलमान खुर्शीद और अन्य लोगों ने बधाई दी है।

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