दुबई: गत शनिवार को सऊदी अरब की तेल कम्पनी सऊदी अरामको पर हुए ड्रोन हम’ले के बाद से ही क्षेत्र में त’नाव की स्थिति है. अमरीका और सऊदी अरब ये दावा कर रहे हैं कि ये ड्रोन हम’ला ईरान ने किया है. हालाँकि दक्षिणी देश यमन के हौथी विद्रोहियों ने पहले ही इस हम’ले की ज़िम्मेदारी ली है. परन्तु अमरीका का दावा है कि ये ह’मला दक्षिणी नहीं उत्तरी तरफ़ से हुआ है.
अमरीकी सेक्रेटरी ऑफ़ स्टेट माइक पोम्पो ने इस पूरे मामले को लेकर कहा है कि अमरीका इसका शांतिप्रिय हल चाहता है. पोम्पो ने कहा कि इस बारे में क्षेत्र में एक राय है कि ये ईरान ने किया है. उन्होंने कहा कि मैंने क्षेत्र में एक भी व्यक्ति को नहीं सुना जो इस बात पर शक करे कि ये हम’ला ईरान ने किया है. उन्होंने कहा कि हम शांतिप्रिय समझौता चाहते हैं और हमने इसी को आगे बढाया है.
उन्होंने कहा कि हम यहाँ शान्ति को हासिल करने के लिए एक गठबंधन बना रहे हैं.. मुझे लगता है कि इस्लामिक रिपब्लिक ऑफ़ ईरान भी इसको इसी तरह से देखेगा. आपको बता दें कि पोम्पो UAE की राजधानी अबू धाबी में पहुंचे थे. आपको बता दें कि ईरान के विदेश मंत्री ने पहले ही कहा है कि अगर सऊदी अरामको जैसा हम’ला उसके देश पर होता है तो ये ‘आल आउट वॉर’ होगा.
शनिवार को हुए इस ड्रोन ह’मले के बाद सऊदी अरामको के उत्पादन में 50% की कमी आ गई है. बताया जा रहा है कि महीने के अंत तक फिर से उत्पादन लेवल पर आ जाएगा. इस हम’ले के तुरंत बाद यमन के हौथी विद्रोहियों ने इस ह’मले की ज़िम्मेदारी ले ली थी. परन्तु संयुक्त राज्य अमरीका ने दावा किया कि ये ह’मला ईरान ने किया है.
सऊदी अरब ने भी इसके बाद ईरान पर ही आरोप लगाए. ईरान ने इन सभी आरोपों को बेबुनियाद बताया. सऊदी अरब के क्राउन प्रिंस मुहम्मद बिन सलमान ने इसके बाद कहा था कि ये वैश्विक समाज की विल का ‘असली टेस्ट’ है.ईरान का दावा है कि सऊदी अरब जिस तरह से यमन में वहाँ के लोगों का दमन कर रहा है, उसके ख़िलाफ़ ये हम’ला हुआ है.