किसी इंसान को मौत के मुंह से बाहर निकालना कोई आसान काम तो नहीं, लेकिन डॉक्टर्स अक्सर ऐसे कारनामे कर के दिखाते हैं और ये ही वजह है कि डॉक्टर्स को भगवान का रूप भी कहा जाता है। हाल ही में दिल्ली के अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान के डॉक्टर्स ने अपनी काबिलियत से एक चार साल की बच्चे को बचाया है। जिसकी चर्चा आज हर जगह हो रही है। मिली जानकारी के अनुसार बच्चे के गले में एक सिटी फंस गई थी।
इस सीटी की वजह से उसको सांस लेने में भी काफी तकलीफ हो रही थी। ऐसे में इस बच्चे को AIIMS लाया गया। यहां डॉक्टरों ने देख देखकर बताया कि सीटी बच्चे की सांस की नली में फंसी है, जिसकी वजह से उनको सांस लेने में भी तकलीफ हो रही है और खांसी भी हो रही है। बताया जा रहा है कि बच्चे का नाम शाहीन है और इसके गले में फंसी सिटी को एंडोस्कोपी के जरिए बाहर निकाला गया है।
जब इस बारे में पीडियाट्रिक सर्जरी विभाग के अतिरिक्त प्रोफेसर डॉ प्रबुध गोयल से बातचीत की गई तो उन्होंने बताया कि “हरियाणा के नूंह जिले के रहने वाले शाहीन को रविवार सुबह अस्पताल के मदर एंड चाइल्ड ब्लॉक लाया गया था। आपातकालीन वार्ड में लाये जाने पर बच्चे को खांसी आ रही थी। उसे सांस लेने में भी तकलीफ हो रही थी, क्योंकि सीटी उसकी सांस की नली में जा फंसी थी। सांस लेते समय बच्चे के मुंह से सीटी की आवाज भी आ रही थी।”
डॉक्टर गोयल ने आगे कहा कि “बच्चे को आपातकालीन वार्ड से सीधे ऑपरेशन थियेटर ले जाया गया, जहां हमने उसकी ब्रोंकोस्कोपी की। ब्रोंकोस्कोपी जीवन और मृत्यु के बीच की एक चुनौती है। इसके अलावा इससे दिमाग को नुकसान होने का खतरा रहता है।” हालांकि अब ये बच्चा पूरी तरह ठीक है। सूत्रों के अनुसार बच्चे के पिता ने उसको एक चप्पल लाकर दी थी, जिसमें एक सिटी भी लगी हुई थी, जो टूट गई थी और बच्चा इससे खेल रहा था और खेल-खेल में ही सीटी गले में जा फंसी।