Adani Group Downfall इस समय बिज़नेस ग्रुप अडानी पर बड़ा संकट आया हुआ है।
अमरीकी रिसर्च फ़र्म हिंडनबर्ग की एक रिपोर्ट के बाद से ही अडानी का साम्राज्य संकट में है। Hindenburg Research
रिपोर्ट में अडानी समूह के ऊपर कई आरोप लगाए गए हैं जिसके बाद से निवेशकों का भरोसा अडानी से उठ गया है। Adani Downfall
ग्रुप ने माहौल को देखते हुए अपना FPO वापिस ले लिया था और अब ख़बर है कि अडानी एंटरप्राइज़ ने अपना बॉन्ड प्लान भी कैंसल कर दिया है।
इसके ज़रिए समूह 10 अरब रुपए जुटाने की योजना बना रहा था। Adani FPO
Adani Group Downfall पहली बार बेच रही थी बांड
आपको बता दें कि कंपनी पहली बार बॉन्ड सेल कर रही थी।
हिंडनबर्ग की रिपोर्ट आने के बाद से अडानी समूह की कंपनियों के शेयर बुरी तरह गिरे हैं।
कई शेयरों पर लोअर सर्किट तक लगा।
बिज़नेस वेबसाइट्स की मानें तो अडानी समूह के शेयरों में 70 फ़ीसदी तक की गिरावट आयी है।
अडानी ग्रुप का मार्किट कैप 100 अरब डॉलर से भी ज़्यादा घट गया है।
अडानी एंटरप्राइज़ेज़ बॉन्ड जारी करने के लिए कई नामी फाइनेंसियल फर्म के साथ काम कर रही थी लेकिन अब इसको कैंसल कर दिया गया है।
इन कंपनियों पर है क़र्ज़
बॉन्ड के कैंसिल किए जाने के बाद कंपनी अब दूसरे संसाधनों से पैसा जुटाने की कोशिश करेगी।
आपको बता दें कि अम्बुजा सीमेंट और एसीसी जैसे ब्रांड अडानी समूह ने पिछले साल ही ख़रीदे हैं.
इन्हें ख़रीदने के लिए समूह ने अंतराष्ट्रीय बैंकों से भारी क़र्ज़ उठाया है।
इस क़र्ज़ को 2024 से 2026 तक चुकाया जाना ज़रूरी है।
अडानी समूह को सबसे ज़्यादा नुक़सान विदेशों में साख के प्रभावित होने से हुआ है।
अमरीका के कई उद्योगपतियों ने हिंडनबर्ग रिपोर्ट को सही मानते हुए अडानी ग्रुप की कार्यशैली पर सवाल उठाया है।
घट गई अडानी की संपत्ति
अडानी समूह के शेयरों के बुरी तरह गिरने की वजह से ख़ुद गौतम अडानी की संपत्ति में भी भारी गिरावट आयी है।
गौतम अडानी दुनिया के सबसे अमीरों की लिस्ट में तीसरे से 21वें स्थान पर चले गए हैं।
शुक्रवार के रोज़ अडानी समूह के कुछ शेयरों ने अपने दिन के घाटे को रिकवर कर लिया। इससे समूह के निवेशकों में कुछ उम्मीद पैदा हुई है।
हालाँकि जानकार मानते हैं कि इससे बहुत उत्साहित होने की ज़रूरत नहीं है।
ऐसा संभव है कि शार्ट सेलर्स ने अपनी पोज़ीशन कवर करने के लिए आख़िरी समय में बाइंग की हो।
अडानी ग्रुप के शेयर अगर अगले हफ़्ते मेनटेन कर जाते हैं तो अडानी के लिए कुछ राहत है वर्ना इस ग्रुप के लिए संकट बढ़ता ही जाएगा।