ईरान और अमरीका के संबंधों में स्थिति लगातार बिगड़ती जा रही है. अमरीका ने ईरान के टॉप जनरल की ईराक़ की राजधानी बग़दाद में एक ड्रोन ह’मला करके ह’त्या कर दी है.इस ह’त्या के बाद दुनिया पर युद्ध के बादल मंडराने लगे हैं. अमरीकी राष्ट्रपति के आदेश पर हुई ये ह’त्या पश्चिमी एशिया और दुनिया के अन्य क्षेत्रों में भी स्थिति को और ख़राब कर सकती है.
क़ासिम सुलेमानी की ह’त्या के बाद ईरान ने भी कहा है वो बदला लेगा. परन्तु अमरीका अब कह रहा है कि वो युद्ध नहीं चाहता और सुलेमानी की ह’त्या आने वाली जंग को रोकने के लिए की गई है. अमरीकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने कहा कि अमरीका ईरान में सत्ता-परिवर्तन नहीं चाहता. अमरीकी राष्ट्रपति के बयान के बाद भी जानकार मानते हैं कि अमरीका ने सुलेमानी की ह’त्या कर अपने आप ही जंग को न्योता दिया है.
जनरल क़ासिम सुलेमानी ईरान और पश्चिम एशिया के शिया समुदाय के लिए हीरो की तरह माने जाते हैं. एक ऐसे समय जब सीरिया में बशर अल असद हार की कगार पर थे, सुलेमानी ने मोर्चा संभाला और अपनी रणनीति से जंग को पलट दिया. इतना ही नहीं सुलेमानी ने ईराक़ में ISI’S को ख़त्म करने में सबसे अहम् भूमिका निभाई. उन्होंने ईरान के सम्बन्ध हिज़बुल्लाह और दूसरे गुटों से बेहतर कर लिए थे.
इतना ही नहीं उनका प्रभाव इस क़दर बढ़ गया था कि जब सीरिया मेन गृह युद्ध चल रहा था तो ईराक़ी फ़ौज की कई टुकड़ियाँ सीरिया पहुँचीं विद्रोहियों के ख़िलाफ़ ल’ड़ने के लिए. अमरीका मानता है कि सुलेमानी का प्रभाव पश्चिम एशिया में अमरीका से भी ज़्यादा हो गया था. यहाँ तक की ईराक़ की सरकार को भी ईरान का पिट्ठू कहा जाने लगा. ईराक़ी सरकार अमरीकी कार्यवाई से बेहद ना’राज़ है. ईराक़ी सरकार ने साफ़ कह दिया है कि अमरीका और ईरान अपने झग’ड़ों के लिए ईराक़ की ज़मीन का इस्तेमाल न करें. ईरान इस सिलसिले में क्या क़दम उठाता है इसी पर सब की नज़रें लगी हैं.