श्रीनगर: जम्मू-कश्मीर को लेकर आगामी 24 जून को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में जम्मू-कश्मीर के राजनैतिक दलों की एक सर्वदलीय बैठक दिल्ली में बुलाई गई है। कयास लगाए जा रहे हैं कि इस बैठक में जम्मू-कश्मीर में चु’नाव करवाये जाने को लेकर अनुमानित तिथियों पर चर्चा की जा सकती है। उम्मीद ये भी जताई जा रही है कि जम्मू-कश्मीर राज्य का दर्ज़ा एक बार फिर बहाल किया जा सकता है। गौरतलब है कि वर्ष 2019 में ही सरकार ने अनुच्छेद 370 व 35a को खत्म कर दिया था। तब से राज्य में काफी राजनैतिक उ’थल पुथल मची है। राज्य में शान्ति व्यवस्था बनाये रखने के नाम पर सरकार ने इंटरनेट, स्कूल, कॉलेज, व्यवसायिक संस्थानों से लेकर तमाम रोज़मर्रा की गतिविधियों पर रो’क लगा दी थीं। जिससे जनजीवन अस्त व्यस्त हो गया था।
ऐसे में जो सूचनाएं निकल कर आ रही हैं उससे यह अंदाजा लगाया जा सकता है कि 24 जून की बैठक में जम्मू-कश्मीर में एक बार फिर से राजनैतिक पा’बंदियों को हटाकर पुनः लोकतंत्र बहाल किया जा सकता है। ऐसे में 24 जून को होने वाली बैठक के संबंध में जम्मू-कश्मीर के राजनैतिक दलों ने भी अपनी प्रतिक्रिया दी है। जम्मू- कश्मीर कांग्रेस के प्रमुख गुलाम अहमद मीर ने कहा कि हमें प्रधानमंत्री के साथ सर्वदलीय बैठक के संबंध में कोई सूचना नहीं मिली है। अगर हमें बैठक का निमंत्रण मिलता है, तो हम इस बारे में राष्ट्रीय नेतृत्व को जानकारी देंगे। परामर्श होने के बाद हम बैठक में भाग लेंगे। हम केंद्र द्वारा बातचीत के इस तरीके की सराहना करते हैं।
बैठक में शामिल होने को लेकर नेशनल कॉन्फ्रेंस प्रमुख एवं पूर्व मुख्यमंत्री फारूक अब्दुल्ला ने कहा कि अभी तक हमें बातचीत के लिए दिल्ली से कोई औपचारिक निमंत्रण नहीं मिला है। अगर हमें कोई निमंत्रण मिलता है तो हम पहले बैठक के लिए अपनाई जाने वाली रणनीति पर बैठकर चर्चा करेंगे। पीडीपी प्रमुख व पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ़्ती ने इस बात को स्वीकार किया है कि इस बैठक के संबंध में उनके पास एक कॉल आई है। लेकिन अभी तक औपचारिक आमंत्रण नहीं मिला है। उन्होंने कहा कि मैं उसी पर चर्चा और बैठक में भाग लेने या न लेने पर निर्णय करने के लिए कल पीएसी की बैठक करूंगी। उधर, जम्मू-कश्मीर अपनी पार्टी के महासचिव रफ़ी अहमद मीर ने कहा कि हमें अभी तक कोई औपचारिक आमंत्रण नहीं मिला है। हम आमंत्रण का इंतजार कर रहे हैं। मुझे लगता है कि यह लोगों और राजनीतिक दलों के लिए उन मुद्दों को उठाने का एक अच्छा अवसर है जिनका हम सामना कर रहे हैं।