मुंबई: नई दिल्ली की मशहूर जामिया मिलिया इस्लामिया यूनिवर्सिटी में जिस प्रकार पुलिस घुसी और छात्रों के साथ हिं’सा की उसके बाद पुलिस सवा’लों के घेरे में है. आज पुलिस ने अपना ब’चाव करते हुए कुछ वीडियो पेश किए जिससे ये साबित करने की कोशिश की कि छात्रों के एक गु’ट ने बसों में आग लगाईं लेकिन सवाल तो ये है कि पुलिस लाइब्रेरी में कैसे घुसी. पुलिस के पास इसका कोई जवाब नहीं है और कोशिश में है कि किसी तरह वो छात्रों को दोषी ठहरा ले.
पुलिस की कार्यवाई पर सवाल उठाते हुए आज महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने भी जामिया मिलिया इस्लामिया यूनिवर्सिटी के छात्रों के पक्ष में आवाज़ उठाई. उन्होंने इस पूरे प्रकरण की तुलना जलियांवाला बाग़ न’रसंहार से की है. इस पूरे मामले में केंद्र सरकार की कड़ी आ’लोचना हुई है. कई अन्तराष्ट्रीय न्यूज़ वेबसाइट ने भी इस मुद्दे को उठाया है. जहाँ एक तरफ़ भाजपा, केंद्र सरकार और पुलिस की आलोचना हो रही है वहीँ भाजपा के सहयोगी भी अब नागरिकता संशोधन विधेयक के ख़िलाफ़ होते जा रहे हैं.
पंजाब में भाजपा की सहयोगी अकाली दल ने कहा है कि इस एक्ट में मुस्लि’म समाज को भी शामिल करना चाहिए. शिरोमणि अकाली दल ने कहा कि इस एक्ट में मुस्लि’मों को भी शामिल किया जाना चाहिए, हमारा देश सेक्युलर है ऐसे में सिर्फ एक धर्म को बाहर निकालना सही नहीं है. पार्टी के प्रवक्ता दलजीत सिंह चीमा ने कहा कि ये बिल प्रताड़ित अल्पसंख्यकों की मदद करेगा लेकिन इसमें मुस्लि’म समुदाय के लोगों को भी शामिल किया जाना चाहिए.
पार्टी प्रवक्ता ने कहा, ‘हिंदू, सिख, बौद्ध, जैन, पारसी, ईसाई जिनकी पाकिस्तान-अफगानिस्तान-बांग्लादेश में प्रताड़ना हुई, उन्हें ये बिल भारत में जगह देगा ये बिल्कुल सही है. लेकिन, इसका दूसरा पहलू भी ये है कि मुस्लिम इसमें शामिल नहीं हैं. हमारी पार्टी का साफ कहना है कि इस कानून में मुस्लिमों को भी जगह देनी चाहिए, हमारा संविधान सेक्युलर है. संविधान कहता है कि किसी भी धर्म के व्यक्ति के साथ अन्याय नहीं होना चाहिए. अकाली दल ने इसी के साथ देशभर में इस कानून के विरोध में हो रही हिं’सा का विरो’ध किया.