अंकारा: इस समय इजराइल में हर दल चुनाव तैयारी में मसरूफ़ है. ये साल में तीसरा मौक़ा है जब इजराइल में आम चुनाव हो रहे हैं. इसका कारण है कि किसी भी एक गठबंधन के पास बहुमत के लिए ज़रूरी आँकड़ा नहीं था. यही वजह है कि एक बार फिर इजराइल में चुनाव हो रहे हैं, हालाँकि जानकार यही मानते हैं कि स्थिति वही रहनी है जो पहले थी. जैसा कि हम जानते हैं कि जब देश में चुनाव होते हैं तो वि’वादित फ़ैसले और ज़्यादा लिए जाते हैं.
इजराइल में प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतान्याहू की छवि ये है कि वो फ़िलिस्तीन विरोधी हैं. वो अपने देश के अरब नागरिकों के ख़िलाफ़ भी कुछ ऐसी टिपण्णी कर जाते हैं जो बाद में विवादित हो जाती है. इस बीच चुनाव को देखते हुए उन्होंने इजराइल ने एक बार फिर एक विवादित क़दम उठाया है. नेतान्याहू ने पूर्वी येरुशलम में अवैध सेटलमेंट बनाने का एलान किया है. जानकार मानते हैं कि ये सिर्फ़ उन्होंने अपने पक्ष में माहौल बनाने के लिए किया है.
उनके इस क़दम की वैश्विक स्तर पर निं’दा शुरू हो गई है. तुर्की ने इजराइल के इस क़दम की निंदा की है. तुर्की विदेश मंत्रालय ने शुक्रवार के रोज़ इजराइल के प्रधानमंत्री नेतान्याहू की आलोचना की. मंत्रालय के बयान में साफ़ कहा गया है कि इस ज़मीन का अकेला मालिक फ़िलिस्तीन है और इजराइल भले कितनी कोशिश कर ले ये तथ्य बदल नहीं सकता.इस बयान में कहा गया है कि इजराइल में जब भी चुनाव होते हैं तो वोट पड़ने से पहले इस तरह के फ़ैसले ले लिए जाते हैं जो अन्तराष्ट्रीय क़ानून का उल्लंघन है.
आपको बता दें कि नेतान्याहू अगर ये चुनाव हारते हैं तो उनके राजनीतिक करीयर का तो ख़ात्मा हो ही सकता है, साथ ही उन पर भ्रष्टाचार का मुक़दमा और ज़ोर-शोर से चल सकता है. इसलिए नेतान्याहू हर हाल में ये चुनाव जीतना चाहते हैं.