दिल्ली विधानसभा चुनाव में भाजपा नेताओं की ओर से जिस प्रकार की शब्दावली का इस्तेमाल किया गया उसकी निंदा मीडिया के कई चैनलों ने की। भाजपा समर्थक माने जाने वाला मीडिया ज़रूर इस पर भाजपा को दोष देने से बचा। इस पूरे चुनाव के दौरान भाजपा के वरिष्ठ नेता और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह का एक बयान बहुत विवादों में आया था। उन्होंने एक बयान दिया था जिसमें उन्होंने कहा था कि EVM का बटन इतनी ज़ोर से दबाना कि बटन बाबरपुर में दबे और करंट शाहीन बाग़ में लगे।
अमित शाह का ये बयान दिल्ली चुनाव के प्रचार को अलग ही रंग दे गया. भाजपा यूँ तो पहले से ही आम आदमी पार्टी से बहुत पीछे थी लेकिन जिस तरह से भाजपा ने कैम्पेन किया और उसमें जिस तरह की भाषा का इस्तेमाल किया गया उसके बाद भाजपा के लिए ये नाक की लड़ाई की तरह हो गया. अमित शाह ने शाहीन बाग़ के बारे में जहाँ सबसे अधिक टिपण्णी की वो इलाक़ा बाबरपुर है परन्तु बाबरपुर में भी भाजपा को हार का मुँह देखना पड़ा.
इस तरह के ध्रुवीकरण करने वाले भाषणों के बाद भी भाजपा को यहाँ बड़ी हार मिली. आम आदमी पार्टी के गोपाल राय ने बाबरपुर विधानसभा सीट से जीत हासिल की. उन्हें 84776 वोट मिले जबकि भाजपा प्रत्याशी नरेश गौड़ को 51714 वोट मिले. बाबरपुर में भाजपा की हार होना इस बात का संकेत है कि शाहीन बाग़ के ख़िलाफ़ की गई टिपण्णी को लोगों ने अच्छा नहीं माना. भाजपा यूँ तो पूरी दिल्ली में ही अच्छा प्रदर्शन न कर सकी लेकिन बाबरपुर में जो जी जान भाजपा ने लगाई थी उसके बाद इस सीट के परिणाम को लोग देख रहे थे.
उल्लेखनीय है कि 70 सीटों वाली विधानसभा में आम आदमी पार्टी ने 62 सीटें जीती हैं जबकि भाजपा के हाथ महज़ 8 सीटें लगी हैं. आम आदमी पार्टी को 53.6% वोट मिला है जबकि भाजपा को 38.5% वोट हासिल हुआ है. कांग्रेस को 4.26% वोट मिला है. कांग्रेस पार्टी एक बार फिर अपना खाता खोलने में तो नाकाम ही रही और इस बार उसका वोट प्रतिशत और कम हुआ है.