बग़दाद: ईराक़ में अमरीकी एम्बेसी पर हुए हिं’सक प्रदर्शन के बाद अमरीका की सरकार ने फ़ैसला किया है कि वो पश्चिम एशिया में और सैनिक भेजेगी. मंगल के रोज़ ईराक़ की राजधानी बग़दाद में अमरीकी दूतावास पर प्रदर्शन हुआ और प्रदर्शनकारी दूतावास के अंदर भी घुस गए. प्रदर्श’न कर रहे लोगों ने आगज़नी भी की. इस ख़बर के आते ही अमरीकी सरकार में बैठे लोग चिंतित हो गए. बुधवार के रोज़ प्रदर्शनकारियों ने दूतावास की घेरेबंदी ख़त्म कर दी और वापिस चले गए.
हश्द अल शाबी के आदेश पर प्रदर्श;नकारियों ने ये फ़ैसला लिया. आपको बता दें कि ह्श्द अल शाबी एक मिलि’टेंट संगठन है जिसको ईरान का कथित समर्थन प्राप्त है. असल में प्रदर्शनकारी बीते रविवार को अमरीका द्वारा किए गए हवाई ह’मले का विरोध कर रहे थे. हिज़’बुल्लाह पर किए गए ह’मले में 25 ल’ड़ाके मारे गए. अमरीका का आ’रोप ये था कि इस समूह ने अमरीका के एक ठेकेदार की ह’त्या की है. अमरीकी विदेश मंत्री माइक पोम्पो ने इसे आतं’की साज़िश क़रार दिया था.
अब अमरीका पश्चिम एशिया में अपने सैनिकों की संख्या बढ़ा रहा है. वहीँ दूसरी ओर पाम बीच में छुट्टियां मना रहे अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने पत्रकारों से बात करते हुए कहा कि ईरान की स्थिति को बहुत अच्छी तरह से संभाला गया है. उन्होंने ईरान के साथ युद्ध की संभावनाओं को ग़लत बताया और कहा कि ईरान के साथ यु’द्ध अच्छा विचार नहीं है. दूसरी ओर ईरान के सर्वोच्च नेता अयातुल्ला अली खामनेई ने अमेरिकी ह’मलों की कड़ी निं’दा की है.
उन्होंने अमेरिका को चेतावनी दी है कि उनका देश किसी भी स्थिति का मुक़ाबला करने को तैयार है. ईरान के विदेश मंत्रालय ने बुधवार को कहा कि तेहरान ने स्विस दूतावास के एक अधिकारी को तलब किया और अमेरिका द्वारा की जा रही यु’द्धोन्माद संबंधी टिप्पणी पर कड़ा विरोध दर्ज कराया है। ईरान में अमरीका का दूतावास नहीं है, अमरीका का ईरान में नेतृत्व स्विट्ज़रलैंड करता है.