होली के अवसर पर समाजवादी पार्टी के नेता मुलायम सिंह यादव और पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव सैफ़ई के एक होली मोहत्सव में गए। वहां सैक’ड़ों सपाइयों और क्षे’त्र वासियों ने गर्मजोशी से इन दोनों का स्वागत किया। साथ ही समाजवादी पार्टी के नारे भी लगाए गए। और देखते ही देखते इस समारोह में शामिल हो गए। इन दोनों ने मोहत्सव में सपेरों का नाच-गाना देखा। इस समारोह के दौरान मुलायम सिंह ने सभी समाजवादियों को गरीबों की मदद करने के लिए अपील भी की। सपा के वरि’ष्ठ नेता मुलायम सिंह यादव ने कहा कि “गरीबों के पास अधिक कपड़े नहीं होते है इसलिए हम समाजवादी फूलों की होली खेलते हैं।”
इस मोहत्सव में मंच पर शिवपाल सिंह यादव भी दिखाई दिए। होली के इस पावन अवसर ने चाचा-भतीजे के बीच दूरियां कम कर दी। इसके बाद मंच पर पार्टी के रा’ष्ट्रीय महासचिव राम गोपाल यादव आए और शिवपाल यादव ने उनके पैर छूए। और सबने साथ मिलकर होली मनाई। इसी दौरान शिवपाल ने कहा कि “2022 के चुनाव में हम सब एक साथ चुनाव लड़ेंगे। सबको इकट्ठा करेंगे और सभी पार्टियां भाजपा को हराने का काम करेंगे। हमारी पहली प्राथमिकता समाजवादी पार्टी होगी, जिसके साथ हम चुनाव लड़ेंगे।”
अखिलेश यादव ने लोगों को होली की शुभकामनाएं दीं। साथ ही कहा कि “वर्तमान सरकार कुछ भी नहीं कर रही है। भाजपा सरकार रामराज्य लाना चाहती है, रामराज्य बिना समाजवाद के नहीं आ सकता है। समाजवादी सरकार सभी वर्गों के लोगों को साथ लेकर विकास करती है, वहीं भाजपा सरकार सिर्फ ध’र्म की बात करती है।” अखिलेश यादव ने शाहीन बाग का नाम लिए बिना कहा कि “जब किसी भी आंदोलन में महिलाओं ने भाग लिया है, वह आंदोलन सफल रहा है। सरकार को नागरिकता संशोधन कानून वापस लेना पड़ेगा।” योगी सरकार पर तं’ज कसते हुए उन्होंने कहा कि “गाय को माता मानने वाली सरकार गायों को सड़क पर आवारा घूमता हुआ देख रही है।”
अखिलेश यादव ने कागज दिखाने पर बोलते हुए कहा कि “जब नेता जी के पास ही कागज नहीं है तो हमारे पास कहां होंगे? दूसरी ओर योगी आदित्यनाथ पर तं’ज कसा हुए कहा कि भांग एक हद तक लेना ठीक है इसके बाद अधिक अगर हो गए तो क्या होगा? वहीं आजम खान पर बोलते हुए कहा कि सरकार ने उनके ऊपर जितने भी मुकदमे लगा दिए हैं, हमें न्यायालय पर भरोसा है, सही निर्ण’य आएगा लेकिन जिस तरह से उन्हें फंसा’या गया है, वह ठीक नहीं है।” जैसे ही शिवपाल और अखिलेश के कार्यकर्ताओं ने चाचा भतीजे जिंदाबाद के नारे लगाए, वहीं अखिलेश नाराज होते दिखाई दिए। उन्होंने यह भी इशारा करते हुए कहा कि ” मैं सबके चेहरे पहचानता हूं। राजनीति की दिशा अलग होती है और यह सब संकेत देते हुए कार्यकर्ताओं की डांट लगा दी। पंडाल में शांति छा गई।”