गुजरात जीत की ख़ुशी में डू’बी BJP को UP में लगा झ’टका, चुनाव अपनी जगह लेकिन जिसकी उम्मीद बरसों से नहीं थी वो हुआ..

आंकड़े कभी कभी कुछ ऐसे होते हैं कि व्यक्ति और दल को धोका दे दें. ख़बर तो ये है कि भाजपा ने गुजरात में प्रचंड बहुमत हासिल कर लिया है पर ये भी सच है कि गुजरात में पहले भी भाजपा की सरकार थी और फिर से भाजपा की ही सरकार बनने जा रही है. पर बदलाव कहीं हुआ है तो वो हिमाचल प्रदेश में. कांग्रेस को इस चुनाव के बाद एक राज्य का फ़ायदा हुआ है, हिमाचल में कांग्रेस की जीत अब लगभग तय हो गई है. वहीं भाजपा को एक नुक़सान उत्तर प्रदेश में भी हुआ है.

यूं तो उत्तर प्रदेश में आंकड़े के हिसाब से उसका कुछ नहीं गया लेकिन कुछ ऐसा हुआ है जिसने भाजपा के अन्दर हलचल पैदा कर दी है. उत्तर प्रदेश की मैनपुरी लोकसभा सीट भाजपा बुरी तरह हारी है, यहाँ सपा की डिंपल यादव क़रीब 3 लाख वोटों से जीत रही हैं, वहीं खतौली सीट भी भाजपा के हाथ से चली गई है हालाँकि रामपुर में उसने आज़म ख़ान के मज़बूत किले को ढहा दिया है.

सपा ने चुनाव से पहले ये आरोप लगाये थे कि प्रशासन भाजपा की मदद कर रहा है और पार्टी को ख़ुद यहाँ से जीत की उम्मीद नहीं थी. मैनपुरी की बड़ी हार को भाजपा ने ये सोचकर पचा लिया था कि ये मुलायम सिंह यादव की मौत के बाद हुआ चुनाव है और सपा को सहानुभूति वोट मिला लेकिन फिर अचानक एक ऐसी ख़बर आयी जिसने भाजपा नेताओं को सोचने पर मजबूर कर दिया है. प्रसपा पार्टी के अध्यक्ष शिवपाल यादव ने अपनी पार्टी का विलय सपा में कर दिया है.

शिवपाल यादव के अखिलेश यादव के साथ आने से सपा के मज़बूत होने की प्रबल संभावना है. साथ ही ऐसी भी ख़बरें हैं कि शिवपाल को विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष बनाया जा सकता है या फिर वो उत्तर प्रदेश सपा के अध्यक्ष होंगे. शिवपाल सिंह ने अपने दल प्रसपा का विलय समाजवादी पार्टी में कर दिया है। इसके बाद माना जा रहा है कि यादव परिवार में अब सब कुछ ठीक हो गया है।

बता दें, विधानसभा चुनाव 2017 से पहले यादव परिवार में अलगाव की खबरें आईं थी। उस दौरान शिवपाल यादव ने सपा से अलग होकर अपना अलग दल बनाया था। उन्होंने 17 का विधानसभा चुनाव और 2019 का लोकसभा चुनाव अपने दम पर लड़ा था। लेकिन परिणाम मन मुताबिक नहीं आए थे। 2022 में हुआ चुनाव अखिलेश और शिवपाल साथ लड़े थे लेकिन परिणाम वही रहे थे। चुनावों के बाद चाचा-भतीजे के बीच बनी दीवार और भी मजबूत होती हुई दिख रही थी, लेकिन सपा संरक्षक मुलायम सिंह यादव के निधन के बाद दोनों के बीच दूरियां कम हो गईं।

मैनपुरी लोकसभा उपचुनाव में समाजवादी पार्टी ने यहां से डिंपल यादव को अपना उम्मीदवार बनाया था। डिंपल का समर्थन चाचा शिवपाल ने भी किया था और उनके पक्ष में कई रैलियां और सभाएं की थीं। जिसके बाद अब परिणाम मन मुताबिक आते हुए दिखाई दे रहे हैं तो चाचा ने फिर से भतीजे के साथ आने का मन बना लिया है।

वहीं सपा के अच्छे प्रदर्शन के बाद शिवपाल यादव सपा संरक्षक की समाधि स्थल पर गए और वहां उन्होंने उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की। उन्होंने ट्वीट किया, “यह जीत नेताजी के आशीर्वाद और आदर्श की है।”

मैनपुरी लोकसभा सीट से उपचुनाव के रुझानों में सपा उम्मीदवार डिंपल यादव बड़ी बढ़त बनाती हुई नजर आ रही हैं। जिसके बाद शिवपाल सिंह यादव ने एक ट्वीट किया। उन्होंने लिखा, “मैनपुरी संसदीय क्षेत्र के मतदाताओं से मिले आशीर्वाद, स्नेह व अपार जनसमर्थन के लिए सम्मानित जनता, शुभचिंतकों, मित्रों व कर्मठ कार्यकर्ताओं का हृदय से आभार। जसवंतनगर की सम्मानित जनता द्वारा डिम्पल यादव को दिए गए आशीर्वाद के लिए जसवंतनगर वासियों का सहृदय धन्यवाद।”

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