कर्नाटक में बीजेपी को मात देने के बाद से ही कांग्रेस पार्टी की मुश्किलें लगातार बढ़ती चली गई। पार्टी के दो बड़े नेता मुख्यमंत्री पद के तलबगार थे। इनमें डीके शिवकुमार और सिद्धारमैया का नाम शामिल था। लेकिन आपको बता दें कि अब ये मामला हल हो चुका है। विधायकों की सहमति के साथ सिद्धारमैया को कर्नाटक का मुख्यमंत्री बनाया जा रहा है, जबकि डीके शिवकुमार को उपमुख्यमंत्री की कुर्सी दी गई है।
हैरान करने वाली बात ये है कि चुनाव जीतने के बाद से ही डीके शिवकुमार लगातार मुख्यमंत्री पद पर काबिज होने की बात कर रहे थे। उनका कहना था कि अगर उनको मुख्यमंत्री पद नहीं मिला तो फिर उनको कोई और पद भी नहीं चाहिए। लेकिन फिर अचानक ही वह अपनी बात से पीछे क्यों हट गए.? आपको बता दें कि इस बीच कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे के आवास पर एक बैठक हुई, इस बैठक में राहुल गांधी भी मौजूद थे।
इस बैठक में उनको कई सारी पेशकश की गई। लेकिन उन्होंने सारी पेशकशों को ठुकरा दिया और अपनी जिद पर अड़े रहे। उनकी जिद थी कि “या तो मुख्यमंत्री या कुछ भी नहीं।” लेकिन बाद जब वीडियो कॉल के जरिए उनकी बात सोनिया गांधी से हुई तो वह अपनी जिद छोड़ने को तैयार हो गए। सोनिया गांधी की बातें सुनने के बात उन्होंने उपमुख्यमंत्री का पद भी स्वीकार लिया।
सूत्रों की मानें तो सोनिया गांधी ने डीके शिवकुमार से बातचीत करते हुए कहा कि उन्होंने आज तक पार्टी के लिए जो कुछ भी किया है उसको कभी भी नजरंदाज नहीं करेंगे और सही वक्त आने पर उनको वो सब कुछ दिया जाएगा जिसकी वो तमन्ना रखते हैं। सोनिया गांधी की बातों को सुनने के बाद ही वह राजी हो गए थे। बता दें कि नई सरकार का शपथ ग्रहण 20 मई को बेंगलुरु के कांतीरवा स्टेडियम में होगा।