बेंगलुरु: कर्णाटक विधानसौधा में विश्वास मत की कार्यवाई के चौथे दिन आज कांग्रेस के वरिष्ठ नेता डीके शिवकुमार ने कहा कि भाजपा के नेताओं को ग़लत जानकारी है, मैं मुंबई बाग़ी विधायकों से मिलने के लिए गया था..मैंने एक विधायक से बात की और वो हमारे साथ आने को तैयार थे.उन्होंने कहा कि हाँ, मैंने ही एमटीबी नागराज को टिकट दिलवाया था..मैंने उनसे बात की और उन्होंने भी एक बयान दिया.
उन्होंने कहा,”क्या हमने उन्हें बंद कर दिया? नहीं, क्यूंकि हमें भरोसा है उन पर..उन्हें यहाँ लाइए, उन्हें सरकार के ख़िलाफ़ वोट करने दीजिए….ये भाजपा नहीं है जिसने मेरी पीठ में छुरा भोंका, ये मुंबई में बैठे बाग़ी हैं जिन्होंने ऐसा किया..लेकिन चिंता मत करें, वो आपके साथ भी यही करने वाले हैं..मैं कह देता हूँ, वे मंत्री नहीं बन पायेंगे.”
विधानसभा अध्यक्ष के. आर. रमेश कुमार ने मुख्यमंत्री एच. डी. कुमारस्वामी के विश्वास प्रस्ताव पर चौथे दिन की चर्चा के दौरान सत्ता पक्ष के विधायकों के ग़ैर हाज़िर होने पर खेद व्यक्त किया. सदन में मंगलवार को सत्ता पक्ष के एक दो विधायक ही नज़र आये जबकि आज विश्वास प्रस्ताव को लेकर मतदान होना है. कुमार ने मंत्री प्रियांक खड़गे से पूछा, ‘यह अध्यक्ष के भविष्य की बात है विधानसभा के. बहुमत तो छोड़िए आप अपनी विश्वसनीयता भी खो देंगे.’
गठबंधन के विधायकों के अनुपस्थित होने से भाजपा को सरकार पर निशाना साधने का मौका मिल गया. भाजपा नेता बी. एस. येदियुरप्पा ने कहा कि सरकार का खुद ही पर्दाफाश हो गया और साथ ही पूछा कि सत्तारूढ़ गठबंधन के विधायक कहा हैं? उन्होंने सत्ता पक्ष से कहा, ‘बहुमत ना होने के बावजूद आप बेशर्मी से सत्ता में बने हुए हैं. आपको शर्म आनी चाहिए.’ भाजपा के वरिष्ठ नेता जगदीश शेट्टार ने तंज़ कसते हुए कहा कि कुमारस्वामी ने अपने विधायकों को सदन में उपस्थित रहने की बजाय फाइलें निपटाने को कहा है. उन्होंने कहा, ‘ लोग निराश हैं. आप विधानसभा पर एक काला धब्बा हैं. आपने सदन को हल्के में लिया है.’
भाजपा के एक अन्य विधायक के. एस. ईश्वरप्पा ने व्यंग्यात्मक टिप्पणी करते हुए कहा, ‘ विधायक अपने मुख्यमंत्री जितने ही अच्छे हैं.’ उन्होंने संदेह व्यक्त किया कि यह और कुछ नहीं बस कार्यवाही को विलंबित करने की रणनीति है. विपक्षी दल के ही बासवाराज बोम्मई ने उसे (सरकार को) ‘शून्य सरकार’ बताया. उच्चतम न्यायालय ने कर्नाटक विधान सभा अध्यक्ष के आर रमेश कुमार के कथन का संज्ञान लेते हुये मुख्यमंत्री एचडी कुमारस्वमाी द्वारा पेश विश्वास प्रस्ताव पर तत्काल मतदान के लिये दो निर्दलीय विधायकों की याचिका पर मंगलवार को सुनवाई स्थगित कर दी.