नई दिल्ली: नागरिकता संशोधन विधेयक के ख़िलाफ़ दिल्ली में लगातार प्रोटेस्ट हो रहे हैं. देश के दूसरे हिस्सों में भी प्रोटेस्ट लगातार हो रहे हैं और ख़बर है कि 19 दिसम्बर को एक बड़ा प्रोटेस्ट देश के विभिन्न शहरों में होगा. जहाँ सरकार CAA समझाने में लगी है वहीं पुलिसिया कार्यवाई ने इसे आलोचनाओं के घेरे में ला दिया है. पुलिस पहले तो जामिया मिलिया विश्विद्यालय कैम्पस में घुस गई और वहाँ लाइब्रेरी में तोड़-फोड़ की. अब ये आरोप पुलिस पर लग रहा है कि ये जानबूझ कर लोगों को पीट रही है.
राजधानी दिल्ली के एक विकलांग दुकानदार ने आरोप लगाया है कि उसकी दुकान पुलिस ने तोड़ दी. दुकानदार अनीस मलिक ने शिकायत की है कि पुलिस ने उसकी दुकान में तोड़फोड़ की. अनीस मलिक का कहना है कि पुलिस ने उसे दुकान बंद कर जाने को कहा. वह शटर गिराकर निकल गया. भीतर दो कामगार थे, लेकिन इसके बाद पुलिस घुसी, उसने तोड़फोड़ की और दोनों की पिटाई भी की. अनीस मलिक ने यह शिकायत सीसीटीवी फुटेज के साथ दर्ज कराई है.
अनीस मलिक ने समाचार चैनल NDTV से बातचीत की और कहा,’2 बजे तक मैं खुद दुकान में मौजूद था और प्रदर्शन भी शांतिपूर्ण चल रह था. इसके बाद अचानक भगदड़ मच गई. इसके बाद पुलिस ने सभी प्रदर्शनकारियों को खदेड़ दिया. मौके पर पुलिस ही पुलिस थी. इसके बाद पुलिसवालों ने कहा कि आप हैंडीकैप्ड हैं, खुद से चल फिर नहीं सकते हो, इसलिए आप दुकान बंद करके घर चले जाओ, क्योंकि कभी भी बड़ा हादसा हो सकता है.
इसके बाद मैं शटर गिराकर घर चला गया. फिर मेरे पास चार बजे कॉल आई कि पुलिस वाले ने मेरी दुकान तोड़ दी है फिर मेरे पास वीडियो भेजा, जिसमें पुलिस वाले दुकान तोड़ते नजर आ रहे हैं. उन्होंने मेरा कम्प्यूटर, डेस्कटॉप, प्रिंटर सबकुछ तोड़ दिया. उन्होंने कहा कि मैंने शाम को 112 नंबर पर कॉल किया और अपनी शिकायत दर्ज कराई.