पिछले कुछ सालों से म’हिला सश^क्तिकरण को लेकर अलग-अलग देशों में काम होना शुरू हुआ है। सऊ’दी अरब एक ऐसा देश माना जाता रहा है जहाँ महिलाओं को पुरुषों के बराबर अधिकार नहीं हैं। इस छवि को बद’लने के लिए पिछले कुछ साल से सरकार काम कर रही है। असल में इसको लेकर काम तब शुरू हुआ जब सत्ता का मुख्य अं’ग क्राउन प्रिंस मुहम्मद बिन सलमान के पास आया। इसी को लेकर अब एक और ख़बर आ रही है।
पिछले कुछ महीनों से ऐसी चर्चाएँ चल रही थीं कि स’ऊदी अरब अपने क़ा’नून में कुछ विशेष ब’दलाव करेगा जिससे कि जें’डर-न्यू’ट्रलिटी क़ायम हो सके। अब सऊ’दी अरब ने महि’लाओं को अके’ले ट्रेवल करने की आज़ादी दे दी है। पहले उसे अ’केले ट्रेवल करने के लिए किसी मेल की इजा’ज़त लेनी पड़ती थी। अब किसी भी बा’लिग़ व्यक्ति को अकेले सफ़र करने के लिए किसी प्रकार की पा’बंदी स’ऊदी अरब में नहीं होगी।
हालाँकि नाबा’लिग़ अगर अकेले सफ़र करता है तो उसे किसी बा’लिग़ की इजाज़त लेनी होगी। नई डिक्री में किसी भी जें’डर विशेष का उल्लेख नहीं किया गया है इसका अर्थ ये हुआ कि ये क़ा’नून दोनों जें’डर पर बराबर तरह से लागू होगा। आपको बता दें कि हाल ही में सऊ’दी अरब ने म’हिलाओं को गाड़ी चलाने की आ’ज़ादी दी थी। पहले स’ऊदी अरब में म’हिलाएँ कोई गाड़ी नहीं चला सकती थीं।

इसको लेकर लंबे समय से सऊ’दी अरब के सामाजि’क ए’क्टिविस्ट माँग कर रहे थे। इसके अतिरिक्त स’ऊदी अरब में सिनेमा हॉल भी खुले हैं। असल में जानकार मानते हैं कि स’ऊदी अरब की सरकार विज़न 2030 पर काम कर रही है। सरकार चाहती है कि वो अपने तय लक्ष्य को हासिल कर ले। इसी वजह से सरकार कुछ ऐसे क़दम उठा रही है जो पहले सऊ’दी अरब में सोचना भी मुश्किल था.
क्या है विज़न 2030?
स ऊदी क्राउन प्रिंस मुहम्मद बिन सलमान ये चाहते हैं कि देश की अर्थव्यवस्था तेल पर से अपनी निर्भरता कम कर ले। यही वजह है कि देश में बड़े-बड़े होटल खुल रहे हैं। हॉस्पिटैलिटी इंडस्ट्री को विकसित करने के उद्देश्य से ही सऊ दी सरकार ऐसे क़दम उठा रही है जो स ऊदी समाज के हिसाब से देखें तो क्रांतिकारी लगते हैं।