एक समय था जब देश की जनता केवल कैश से लेन देन को ज्यादा अहमियत देती थी। लेकिन आज कल हर कोई डिजिटल पेमेंट को ज्यादा इंपोर्टेंस देता है। पिछले कुछ सालों में देश में क्रेडिट कार्ड यूजर्स की संख्या में भी भारी इजाफा हुआ है। इसकी बहुत सी वजह हैं। क्रेडिट कार्ड के माध्यम से आपको अच्छा कैशबैंक और साथ ही रिवॉर्ड प्वाइंट भी मिलते हैं, जिनका उपयोग आप बाद में चीजों को खरीदने में कर सकते हैं।
यहां लोगों को फायदे भी होते हैं तो वहां आपको कुछ नुकसान भी देखने को मिलते हैं। ऐसा ही क्रेडिट कार्ड के मामले में भी है। हाल ही में एक मामला सामने आया है, जिसमें एक क्रेडिट कार्ड यूजर का कार्ड एक्सपायर हो गया, लेकिन फिर भी बैंक की ओर से उसको बिल भेज दिया गया। ये मामला दिल्ली के रहने वाले एक पूर्व पत्रकार एम जे एंथनी के साथ पेश आया और जब उन्होंने बिल भरने से इंकार कर दिया तो बैंक ने उन्हें ब्लैक लिस्ट में डाल दिया।
जिसको लेकर उन्होंने उपभोक्ता अदालत में इसकी शिकायत दर्ज करवाई। एंथनी ने अपनी शिकायत में कहा कि “क्रेडिट कार्ड एक्सपायर हो जाने के बाद भी मुझे बिल भेजा गया और शुल्क न देने पर मुझे ब्लैक लिस्ट में डाल दिया गया।” इस मामले में सुनवाई करते हुए कोर्ट ने बैंक को निर्देश दिया है कि वह सेवा में खामी के लिए 2 लाख का भुगतान करें।
मोनिका ए श्रीवास्तव की अध्यक्षता वाले उपभोक्ता मंच ने कहा कि “शिकायतकर्ता को सेवा देने में नाकाम रहने और क्रेडिट रेटिंग खराब होने से हुए नुकसान की भरपाई पैसे के रूप में नहीं की जा सकती है लेकिन क्रेडिट कार्ड जारीकर्ता के खिलाफ दंडात्मक कार्रवाई जरूरी थी। इसीलिए एसबीआई कार्ड्स को दो महीने के भीतर दो लाख रुपये का हर्जाना देने को कहा गया है।”