ज़ोमैटो खाना डिलीवरी करने वाली कम्पनी है. भारत के बड़े शहरों में ज़ोमैटो को लोग अच्छी तरह से जानते हैं लेकिन आज इस कंपनी की चर्चा सारा दिन सोशल मीडिया पर हुई. असल में कम्पनी के एक कस्टमर ने माँग की कि उसे नॉन-हि’न्दू डिलीवरी बॉय न दे लेकिन इस बात पर ज़ोमैटो ने जो प्रति’क्रया दी उसके बाद अच्छे लोगों में कम्पनी की ख़ासी तारीफ़ हो रही है. अब कम्पनी की तारीफ़ करने वालों में एक और नाम शामिल हो गया है.
पूर्व केन्द्रीय मंत्री पी चिदम्बरम ने ज़ोमैटो के बारे में एक ट्वीट किया है. उन्होंने कहा कि मैंने आज तक खाना आर्डर करके नहीं मँगाया है लेकिन अब मैं ज़ोमैटो से आर्डर करके मंगाऊँगा. एक घन्टे के अंदर इस ट्वीट को 6 हज़ार से अधिक लोगों ने पसंद किया है जबकि इस पर कई लोगों ने अपनी टिपण्णी भी दी है. आपको बता दें कि जबलपुर के रहने वाले एक व्यक्ति अमित शुक्ला ने खाना घर पहुँचाने वाले ऐप ज़ोमैटो से खाना ऑर्डर किया.
I have not ordered food so far, but I think I will do so now from Zomato.
— P. Chidambaram (@PChidambaram_IN) July 31, 2019
इसके बाद जब उन्होंने डिलीवरी बॉय का नाम फ़ै’याज़ पढ़ा तो उन्होंने ज़ोमैटो के हेल्प में जाकर कहा कि वो उसकी डिलीवरी के लिए किसी और को भेजें। जब ज़ोमैटो कस्टमर केयर में उनसे इसका कारण पूछा तो उन्होंने कहा कि वो किसी नॉ’न- हिं’दू (मु’स्लिम) व्यक्ति से खाना लेकर नहीं खा सकते, ख़ासतौर पर अभी चल रहे सा’वन के महीने में। कम्पनी ने अपने जवाब में लिखा कि डिलीवरी पर्सन में हम किसी तरह का भे’दभाव नहीं करते और इस वजह से ऑर्डर कै’न्सल नहीं हो सकता।
ऐसे में अमित ने डिलीवरी बॉय बदलने या ऑर्डर कै’न्सल करने की बात फिर से की तो ज़ोमैटो से रिप्लाई आया कि अगर इस वज’ह से अमित ऑर्डर कै’न्सल करते हैं तो उन्हें कोई री’फ़ंड भी नहीं मिलेगा बल्कि उन्हें ऑर्डर के 237 रुपए देने होंगे। अमित ने ये बात मानकर ऑर्डर कै’न्सल कर दिया।
लेकिन अमित इस बात को लेकर ट्विटर पर जा पहुँचे और वहाँ से ट्वीट करके कहा कि वो ज़ोमैटो का ऐप हटा रहे हैं क्योंकि ज़ोमैटो ने इस तरह का काम किया और उनकी रिक्वेस्ट नहीं मानी। इस पर ज़ोमैटो ने उनके ट्वीट का जवाब देते हुए लिखा कि “Food doesn’t have a re’ligion. It is a reli’gion” मतलब खाने का कोई ध’र्म नहीं होता बल्कि खाना ख़ुद एक ध’र्म है।
Food for thought pic.twitter.com/zZ3k6YfuzI
— Zomato India (@ZomatoIN) July 31, 2019
ज़ोमैटो के इस जवाब का सोशल मीडिया में जमकर स्वागत हुआ और ज़ोमैटो के इस क़दम को लोगों की सराहनाएँ मिल रही हैं। कुछ लोग अमित शुक्ला के समर्थन में भी आ गए. शुक्ला के समर्थन में कुछ लोग कहने लगे कि हला’ल मी’ट क्यूँ देता है ज़ोमैटो, इस पर ज़ोमैटो ने एक स्टेटमेंट जारी कर लोगों का मुँह बंद कर दिया.