पीलीभीतः लोकसभा चुनाव से पहले जब सपा और बसपा का गठबंधन हुआ था तब ये माना गया था कि ये दलित और यादव समुदाय को एकजुट करेगा. चुनाव के नतीजे अपेक्षाकृत न आने की वजह से बसपा और सपा के गठबंधन को बहुत से लोगों ने नाकाम बताया. वहीं चुनाव समाप्त होने के कुछ ही दिन के भीतर बसपा अध्यक्ष मायावती ने गठबंधन से किनारा कर लिया. बसपा सुप्रीमो के इस फ़ैसले की अलग-अलग तरह से विवेचना हो रही है.
इस बीच बसपा प्रमुख के फ़ैसले पर भीम आर्मी के अध्यक्ष चंद्रशेखर ने एक बयान दिया है. उन्होंने मायावती के इस फ़ैसले की आलोचना की है. चंद्रशेखर ने पत्रकारों से बातचीत करते हुए कहा कि मायावती ने सपा के साथ गठबंधन को तोड़कर बहुजन आन्दोलन को कमज़ोर किया है. उन्होंने कहा, ‘यह फैसला उन कमज़ोर वर्ग के लोगों के पक्ष में नहीं है, जिन्हें इस गठबंधन से मजबूती मिली थी.’
चंद्रशेखर ने इस बारे में आगे कहा कि बहुजन समाज पार्टी ने यूपी में अपनी ताक़त को कहो दिया है. उन्भीहोंने कहा,”जब उन्होंने सपा के साथ गठबंधन की घोषणा की, तो बसपा कार्यकर्ताओं ने खुद को आश्वस्त किया कि पार्टी आगे बढ़ेगी, लेकिन तभी उन्होंने गठबंधन तोड़ कर सभी को निराश कर दिया.” भीम आर्मी के प्रमुख ने मायावती की आलोचना करते हुए कहा कि उन्होंने अपने भाई और भतीजे को शीर्ष पदों पर नियुक्त करके भाई-भतीजावाद को बढ़ावा दिया है.
जब उनसे ये सवाल किया गया कि क्या उनकी पार्टी 2022 का विधानसभा चुनाव लड़ेगी तो इस पर उन्होंने बताया कि पार्टी ने अब तक इस मुद्दे पर कोई निर्णय नहीं लिया है. चंद्र्शेखर के बयान का एक मतलब ये भी निकाला जा रहा है कि वो जल्द ही सपा के नज़दीक जा सकते हैं. सपा भी उन्हें अपनी पार्टी में शामिल करने की कोशिश कर रही है.