दिल्ली: पूर्व कन्द्रीय मंत्री पी चिदंबरम को गि’रफ्तार किए जाने के बाद राजनीति तेज़ हो गई है. INX मीडिया मामले में आज पूर्व गृह मंत्री से पूछताछ की गई. इसके बाद उन्हें सीबीआई अदालत में पेश किया गया. चिदंबरम की पैरवी करने के लिए वरिष्ठ अधिवक्ता कपिल सिबल और अभिषेक मनु सिंघवी भी मौजूद थे. चिदंबरम की कल अंतरिम बेल एप्लीकेशन ख़ारिज कर दी गई थी जिसके बाद बड़े नाटकीय ढंग से उन्हें सीबीआई ने गि’रफ्तार किया.
आपको बता दें कि इस मामले में पूरा विपक्ष एकजुट दिख रहा है और इस गिरफ़्ता’री को बदले की कार्यवाई बता रही है. पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने इस बारे में कहा कि जिस तरह से इस पूरे मामले को हैंडल किया गया ये शर्मनाक है. उन्होंने कहा कि ये समझने की ज़रूरत है कि चिदंबरम वरिष्ठ राजनेता हैं, पूर्व केन्द्रीय मंत्री भी रहे हैं.
दमक प्रमुख एमके स्टॅलिन ने चिदंबरम की गिर’फ़्तारी पर अपना बयान दिया. स्टॅलिन ने कहा कि मैंने भी देखा कि किस तरह सीबीआई ने दीवार फांदी और उन्हें गिरफ्ता’र किया, ये राजनीतिक षड्यंत्र है. उन्होंने कहा कि चिदंबरम ने अंतरिम बेल मांगी थी लेकिन उन्हें गिर’फ्तार कर लिया गया, ये शर्मनाक है. स्टॅलिन के अलावा दूसरे विपक्षी नेताओं ने भी चिदंबरम का समर्थन किया है.
चिदंबरम ने कल अपने गि’रफ्तार किए जाने ससे पहले प्रेस को संबोधित किया. उन्होंने बताया कि उन पर कोई भी आरोप नहीं है. उन्होंने कहा कि वो न्याय से भाग नहीं रहे हैं बल्कि न्याय के लिए भाग रहे हैं. वरिष्ट राजनेता ने साथ ही कहा कि अगर उन्हें आज़ादी और जीवन में से कोई एक चीज़ चुननी होगी तो वो आज़ादी चुनेंगे. हालाँकि भाजपा ने कहा कि चिदंबरम के ख़िलाफ़ जो भी कार्यवाई हो रही है वो एजेंसियां और क़ानून के मुताबिक़ हो रही हैं.
सीबीआई अदालत में सीबीआई की ओर से वकील तुषार मेहता ने कहा कि उन्होंने एक एप्लीकेशन डाली है कि चिदंबरम को पाँच दिन की कस्टडी में भेजा जाए. सीबीआई ने साथ ही कहा कि एक नॉन-बेलेबल वारंट भी उनके ख़िलाफ़ जारी किया गया था जिसके बाद गि’रफ़्तारी की गई. तुषार मेहता ने कहा कि चुप रहने की आज़ादी एक संवैधानिक अधिकार है और मुझे इससे कोई ऐतराज़ नहीं है लेकिन वो कोआपरेटिव नहीं हैं..वो सवालों से बच रहे हैं.
वरिष्ठ अधिवक्ता कपिल सिब्बल ने कहा कि इस केस में आरोपी कार्ती (पी. चिदम्बरम के पुत्र) हैं, जिन्हें 23 मार्च, 2018 को ज़मानत मिल चुकी है… उन्होंने कहा कि चिदंबरम कभी भी पूछताछ से नहीं भागे. सीबीआई ने कहा कि चिदंबरम जांच में सहयोग नहीं दे रहे, इस पर अभिषेक मनु सिंघवी ने कहा कि सहयोग न देना इसे कहते हैं कि अगर पाँच बार बुलाया आये और आप न आयें, चिदंबरम को जब भी बुलाया गया वो गए. चिदंबरम ने भी अपना पक्ष रखने की कोशिश की लेकिन सीबीआई के वकील ने इस पर एतराज़ जताया और कहा कि चिदंबरम की पैरवी दो वरिष्ठ वकील कर रहे हैं.
अदालत ने लेकिन चिदंबरम को अपना पक्ष रखने दिया. चिदंबरम ने कहा कि मुझसे सवाल पूछा गया कि क्या आपका विदेश में बैंक अकाउंट है मैंने कहा नहीं..उन्होंने पूछा क्या आपके बेटे का विदेश में अकाउंट है, मैंने कहा हाँ. उन्होंने कहा कि मुझसे जो भी सवाल पूछे गए हैं मैंने उसका जवाब दिया है, आप ट्रांसक्रिप्ट देख सकते हैं. अदालत ने फ़ैसले को कुछ देर के लिए रिज़र्व रखा है. अदालत ने चिदंबरम को 26 अगस्त तक हिरा’सत में भेज दिया है.