नागरिकता संशोधन अधिनियम को लेकर सरकार युवाओं को और छात्रों को पूरी तरह समझाने में नाकाम नज़र आ रही है. युवाओं और छात्रों ने इसको लेकर आन्दोलन शुरू किया हुआ है. भाजपा में भी इसको लेकर कुछ असमंजस की स्थिति नज़र आ रही है. भाजपा के कुछ नेता NRC के आने की बात कर रहे हैं तो कुछ NRC को सिरे से मना कर रहे हैं.
CAA को लेकर भी भाजपा के सभी नेताओं में पक्का मत नहीं है. यही वजह है कि भाजपा CAA को लेकर अपने पक्ष में माहौल बनाने में नाकाम दिख रही है.इस बीच एक ऐसी ख़बर आ रही है जो भाजपा को और परेशान कर सकती है. बीजेपी में ही अब सीएए और एनआरसी को लेकर विरो’ध के स्वर उठने शुरू हो गए हैं जो बीजेपी के लिए मुश्किल साबित हो सकते हैं।
एक रिपोर्ट के मुताबिक़ भाजपा के अल्पसंख्यक विंग के लोग CAA से नाराज़ हैं. इसी कड़ी में भोपाल में अल्पसंख्यक प्रकोष्ठ के 48 सदस्यों ने विवादास्पद कानून पर पार्टी छोड़ दी है। भोपाल में भाजपा पार्टी छोड़ने वाले नेताओं ने पार्टी के भीतर भेदभाव की शिकायत की है और पार्टी सदस्यों पर एक समुदाय के खिलाफ आप’त्तिजनक टिप्पणी करने का आरोप लगाया है।
भाजपा छोड़ने वाले आदिल खान ने पूछा क्या आपने कभी किसी सरकार को संसद में कानून पारित करते देखा है, और फिर उसके लिए घर-घर जाकर समर्थन मांग रहे हैं? नागरिकता (संशोधन) अधिनियम और प्रस्तावित राष्ट्रव्यापी राष्ट्रीय रजिस्टर ऑफ सिटीजन पर शनिवार को भोपाल जिला अल्पसंख्यक सेल उपाध्यक्ष के रूप में । मीडिया रिपोर्टों के अनुसार, पार्टी छोड़ने वाले नेताओं ने यह भी आरोप लगाया है कि पार्टी में कोई लोकतंत्र नहीं बचा था। और यह कि पूरी पार्टी को दो-तीन लोगों ने ठिकाने लगा दिया