लोकसभा चुनाव में भाजपा को जो शानदार जीत मिली थी उससे ये लगने लगा था कि आने वाले छोटे-बड़े चुनावों में पार्टी अच्छा प्रदर्शन करेगी. परन्तु जिन राज्यों में भाजपा लोकसभा चुनाव में अच्छा नहीं कर पायी थी उनमें अभी भी उसका प्रदर्शन सुधरने की स्थिति में नहीं लग रहा है. हाल ही में हुए केरल के स्थानीय निकायों के लिए हुए उपचुनाव की माने तो ऐसा ही लगता है. केरल में 44 सीटों पर उपचुनाव हुए हैं, इनमें से भाजपा के खाते में महज़ 5 सीटें ही आयी हैं.
उप-चुनावों में सीपीएम के नेतृत्व वाले गुट LDF ने सबसे ज्यादा 22 सीटों पर कब्जा जमाया है.वहीं कांग्रेस के नेतृत्व वाले गुट UDF ने 17 सीटों पर जीत दर्ज की है.सबरीमाला मंदिर विवाद के बाद केरल में अपनी जगह बनाने की कोशिशों में जुटी भाजपा को लोकसभा चुनावों के बाद स्थानीय चुनावों में भी झटका लगा है और पार्टी सिर्फ 5 सीटों पर ही जीत दर्ज कर सकी. नतीजों के बाद ऐसा लग रहा है कि LDF ने अपनी खोयी ज़मीन वापिस पा ली है जबकि UDF को कुछ लोकसभा चुनाव की तुलना में नुक़सान हुआ है.
आपको बता दें कि लोकसभा चुनावों में सत्ताधारी एलडीएफ का प्रदर्शन निराशाजनक रहा था और राज्य की 20 सीटों में से एलडीएफ के खाते में सिर्फ एक सीट आयी थी.ऐसे में अब स्थानीय चुनावों में अच्छे प्रदर्शन से एलडीएफ ने राहत की सांस नहीं ली होगी।बता दें कि केरल में 33 ग्राम पंचायत,6 ब्लॉक पंचायत और 5 म्यूनिसिपल वार्ड के लिए उप-चुनाव हुए थे.स्थानीय चुनावों में पहले भी लेफ्ट पार्टियों का प्रदर्शन काफी बेहतर रहा है. दरअसल साल 2015 में भी एलडीएफ ने 941 ग्राम पंचायत चुनाव में से 549 सीटों पर कब्जा किया था.
वहीं 152 ब्लॉक पंचायत में से 90,14 जिला पंचायत में से 7,87 म्यूनिसिपल में से 44 और 6 कॉरपोरेशन में से 4 कॉरपोरेशन सीटों पर कब्जा जमाया था.हालिया चुनावों में एलडीएफ ने यूडीएफ के कब्जे वाली 6 सीटों पर कब्जा किया,वहीं यूडीएफ ने एलडीएफ के कब्जे वाली 7 सीटों पर कब्जा जमाया।यूडीएफ ने त्रिशूर जिले की सभी 4 पंचायत सीटों पर जीत दर्ज की. साथ ही पार्टी ने कोट्टयम और तिरुवअनंतपुरम जिलों में बढ़त हासिल की.
वहीं एलडीएफ ने कोल्लम जिले की 4 सीटों में से 3 पर और पत्तानमथित्ता और कोझिकोड जिलों में सभी सीटों पर जीत दर्ज की.भाजपा की बात करें तो राज्य में अपने पैर जमाने की कोशिशों में जुटी भाजपा को पलक्कड़ जिले में जीत दर्ज की.साथ ही पार्टी ने अलपुझा जिले में यूडीएफ के कब्जे वाली एक म्यूनिसिपल सीट पर जीत हासिल की.